भारतीय क्रिकेट टीम के जाने-माने विकेटकीपर-बल्लेबाज केएल राहुल, जो अक्सर सोशल मीडिया पर आलोचना का शिकार होते हैं, ने हाल ही में अपनी बल्लेबाजी से आलोचकों को जोरदार जवाब दिया है। एक समय था जब राहुल के बल्ले से रन नहीं निकल रहे थे और इसके चलते उन्हें सोशल मीडिया पर खूब निशाना बनाया जा रहा था। लेकिन, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सेंचुरियन में उनके शतक ने सभी की बोलती बंद कर दी।

केएल राहुल का आलोचकों पर प्रहार

इस मैच में शतक जड़ने के बाद, केएल राहुल ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि ट्रोलिंग का उनकी मानसिकता पर गहरा प्रभाव पड़ता है। राहुल ने कहा, “लोगों को बदलना संभव नहीं है। हर किसी को अपनी राय रखने का अधिकार है, और जब वे आलोचना करते हैं, तो वह असहनीय लगता है। जो लोग कहते हैं कि वे सोशल मीडिया पर टिप्पणियों से प्रभावित नहीं होते, वे झूठ बोल रहे हैं। लेकिन इससे जितना दूर रहा जाए, उतना ही बेहतर है।”

आलोचना से सीखने का महत्व: केएल राहुल

राहुल ने आगे बताया कि ट्रोलिंग और आलोचना खेल का एक हिस्सा है और इससे सीखने का अवसर मिलता है। उन्होंने कहा, “मेरे अंदर हमेशा एक आत्मविश्वास रहा है। मैंने हमेशा महसूस किया कि मैं सही दिशा में बढ़ रहा हूँ। मुझे खुशी है कि मैंने ऐसे करियर का चुनाव किया जिसमें मुझे आनंद आता है। इसलिए, जब मुझे चोट पहुंचती है या लोग मेरी आलोचना करते हैं, तो मैं पीछे मुड़कर सोचता हूँ कि यह सब क्रिकेट खेल का हिस्सा है।”

बल्लेबाजी में शानदार प्रदर्शन

गौरतलब है कि 26 दिसंबर से शुरू हुई दक्षिण अफ्रीका और भारत के बीच टेस्ट सीरीज में राहुल की बल्लेबाजी ने सभी को प्रभावित किया। उन्होंने 137 गेंदों में 101 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली। यह पारी उनके आलोचकों के लिए एक स्पष्ट संदेश थी कि वह अपने खेल को लेकर गंभीर हैं और मुश्किल समय में भी उनका आत्मविश्वास कम नहीं होता।

केएल राहुल की यह उपलब्धि और उनके विचार युवा खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा हैं, जो दिखाते हैं कि कैसे आलोचना और चुनौतियों का सामना करके एक खिलाड़ी मजबूत हो सकता है।

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