अंकिता चौधरी का आईएएस बनने का सफर, एक छोटे कस्बे से शुरू होकर राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचने की कहानी है। उनकी सफलता ने साबित किया है कि निरंतर प्रयास और समर्पण के साथ, किसी भी पृष्ठभूमि से आया व्यक्ति शिखर पर पहुंच सकता है।

अंकिता हरियाणा के रोहतक जिले के एक साधारण परिवार से आती हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा इसी कस्बे में हुई, और उन्होंने दिल्ली से ग्रेजुएशन किया। ग्रेजुएशन के दौरान ही उन्होंने आईएएस बनने का निश्चय किया और फिर पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए दाखिला लिया। इस दौरान भी वे यूपीएससी की तैयारी करती रहीं।

Ankita Chaudhary

उनकी यात्रा में चुनौतियां भी थीं। उन्होंने अपने पहले प्रयास में असफलता का सामना किया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। अंकिता का मानना है कि यूपीएससी की सफलता के लिए अपनी गलतियों को स्वीकार करना और उन्हें सुधारना महत्वपूर्ण है। दूसरे प्रयास में उन्होंने अपनी रणनीति में सुधार किया और 14वीं रैंक हासिल कर अपना सपना साकार किया।

अंकिता अन्य उम्मीदवारों को भी यही सलाह देती हैं कि वे अपनी तैयारी में निरंतरता और ईमानदारी बनाए रखें। उनका कहना है कि असफलताओं से न घबराएं, बल्कि उनसे सीखें और अगला प्रयास बेहतर तरीके से करें। उनकी यह कहानी यह दर्शाती है कि कड़ी मेहनत और समर्पण से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है, चाहे शुरुआत कितनी भी साधारण क्यों न हो।

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