सुरभि गौतम की कहानी उन तमाम युवाओं के लिए एक प्रेरणा है, जो कठिन परिश्रम और दृढ़ संकल्प के बल पर अपने सपनों को साकार करते हैं। मध्यप्रदेश के सतना से आने वाली सुरभि ने हिंदी माध्यम से अपनी शिक्षा प्राप्त की थी। उन्होंने न केवल अपनी भाषा और संस्कृति के प्रति सम्मान बनाए रखा, बल्कि अपने ज्ञान और क्षमताओं का विस्तार भी किया।
जब सुरभि ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू की, तो उन्हें अंग्रेजी भाषा में बातचीत करने में कठिनाई होती थी। लेकिन उन्होंने इसे अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया और धीरे-धीरे अपनी अंग्रेजी में सुधार किया। इस दृढ़ता और लगन ने उन्हें यूपीएससी की कठिन परीक्षा के लिए तैयार किया।
यूपीएससी की तैयारी में, सुरभि ने एक व्यवस्थित और दृढ़ रणनीति अपनाई। उन्होंने सिलेबस के अनुसार अध्ययन सामग्री तैयार की और एक मजबूत अध्ययन अनुसूची बनाई। उनकी कड़ी मेहनत और सख्त अनुशासन ने उन्हें पहले प्रयास में ही उत्कृष्ट रैंकिंग प्राप्त करने में मदद की। इससे पहले, वह इसरो, दिल्ली पुलिस और एसएससी सीजीएल जैसी विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं में भी सफल रही थीं।
सुरभि का मानना है कि सिविल सेवा परीक्षा में सफलता के लिए गहन अध्ययन और ईमानदार प्रयास जरूरी हैं। उनका संदेश यह है कि कठिन परिश्रम और समर्पण ही सफलता की कुंजी हैं। सुरभि गौतम की यह यात्रा उन सभी के लिए एक प्रेरणा है, जो बाधाओं के बावजूद अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं।