आज हम बात करेंगे एक असाधारण सफलता की कहानी की, जिसमें मुख्य पात्र हैं पूज्य प्रियदर्शनी। यह कहानी है एक ऐसी युवती की, जिसने बार-बार की नाकामियों के बावजूद, यूपीएससी परीक्षा में अपने सपनों को साकार किया।
पूज्य ने अपनी शिक्षा दिल्ली से शुरू की और बीकॉम की डिग्री हासिल की। उनकी पढ़ाई का सफर यहीं नहीं रुका, वे न्यूयॉर्क की प्रतिष्ठित कोलंबिया यूनिवर्सिटी गईं और वहाँ से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर डिग्री हासिल की। उन्होंने अपने शैक्षिक सफर के साथ-साथ, एक कंपनी में नौकरी भी की, पर उनके मन में हमेशा यूपीएससी की तैयारी का ख्याल बना रहा।
पूज्य ने 2013 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी, लेकिन सफलता उनसे दूर रही। इसके बाद तीन साल का गैप लेकर वे फिर से परीक्षा में बैठीं और इस बार इंटरव्यू तक पहुंचीं, लेकिन फिर भी फाइनल सूची में उनका नाम नहीं आया। 2017 में, वे प्री-परीक्षा में भी असफल रहीं। इससे उनमें निराशा घर कर गई और उन्होंने यूपीएससी छोड़ने का मन बना लिया।
लेकिन जैसा कि कहा जाता है, मुश्किल वक्त में परिवार का साथ सबसे महत्वपूर्ण होता है। पूज्य के परिवार ने उन्हें एक बार फिर प्रयास करने के लिए प्रेरित किया। उनकी इस कठिनाई के समय में, उनके परिवार ने उनका साथ दिया। अंततः, उनकी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प ने रंग लाया, और वे यूपीएससी परीक्षा 2018 में ऑल इंडिया 11वीं रैंक के साथ सफल हुईं।
पूज्य प्रियदर्शनी अन्य यूपीएससी के उम्मीदवारों को धैर्य और लगातार मेहनत करने की सलाह देती हैं। वे मानती हैं कि अगर कोई उम्मीदवार बेहतर तैयारी के साथ इस परीक्षा में शामिल होता है और असफल भी होता है, तो उसे घबराने की जरूरत नहीं है। उनका मानना है कि अगर आप कड़ी मेहनत और समर्पण के साथ तैयारी करेंगे तो सफलता निश्चित रूप से आपके कदम चूमेगी।