यह कहानी है दिव्या शक्ति की, जिन्होंने अपने सपनों को पंख दिए और यूपीएससी की कठिन परीक्षा में सफलता हासिल की। दिव्या मूल रूप से बिहार के मुजफ्फरपुर की रहने वाली हैं और उन्होंने अपनी पढ़ाई इंजीनियरिंग और इकोनॉमिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन करके पूरी की। उनकी यात्रा सामान्य नहीं थी। उन्होंने अपने सीनियर्स को देखकर यूपीएससी की ओर रुख किया और अपनी नौकरी के दौरान ही इसकी तैयारी शुरू कर दी।

दिव्या शक्ति

दिव्या ने अपने पहले प्रयास में असफलता का सामना किया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उनका मानना था कि सफलता के लिए कड़ी मेहनत और ईमानदार प्रयास जरूरी है। उन्होंने अपने बेस को मजबूत किया, सही स्टडी मटेरियल का चयन किया और पिछले साल के प्रश्नपत्रों को अच्छी तरह से समझा। दिव्या ने कोचिंग को भी महत्वपूर्ण माना, लेकिन यह भी कहा कि यह व्यक्तिगत क्षमता पर निर्भर करता है।

उनकी कहानी यह सिखाती है कि सपने देखना और उन्हें पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित होना जरूरी है। उनकी सफलता युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है और यह बताती है कि कड़ी मेहनत और समर्पण से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। दिव्या शक्ति ने अपने दूसरे प्रयास में न केवल यूपीएससी की परीक्षा पास की, बल्कि ऑल इंडिया रैंक 79 हासिल करके आईएएस अफसर बनीं। उनकी यह उपलब्धि यह साबित करती है कि लक्ष्य के प्रति समर्पण और निष्ठा हो, तो सफलता अवश्य मिलती है।

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