तृप्ति धोड़मिसे की कहानी एक प्रेरणादायक उदाहरण है, जो दिखाती है कि कठिनाइयों के बावजूद कैसे सफलता प्राप्त की जा सकती है। उनकी यात्रा यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) की परीक्षा में सफलता की एक अद्वितीय कहानी है, जो विशेष रूप से इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि वह एक विवाहित महिला और पेशेवर थीं।

तृप्ति ने अपनी शैक्षिक यात्रा में इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की और इसके बाद एक पेशेवर नौकरी करने लगीं। उनकी शादी और नौकरी जैसी जिम्मेदारियाँ उनके लिए चुनौतियाँ पेश करती थीं, लेकिन वह इन्हें अपने सपनों के आड़े नहीं आने देतीं। उनकी यह यात्रा उनके दृढ़ संकल्प और कठोर परिश्रम की मिसाल है।

तृप्ति धोड़मिसे

यूपीएससी की परीक्षा के लिए उनकी तैयारी करीब 5 वर्षों तक चली। उनके पहले प्रयास में सफलता नहीं मिली, और दूसरे प्रयास में वह अंतिम चरण तक पहुँचीं लेकिन चयनित नहीं हो पाईं। तीसरे प्रयास में, उन्हें फिर से निराशा हाथ लगी। इस दौरान, उनके पति ने उन्हें बहुत प्रेरित किया और साथ दिया। आखिरकार, चौथे प्रयास में तृप्ति ने अपनी मेहनत का फल पाया और आईएएस बनने का उनका सपना साकार हुआ।

तृप्ति का मानना है कि यूपीएससी की परीक्षा में सफलता के लिए मजबूत मोटिवेशन और आत्मविश्वास अत्यंत आवश्यक हैं। वे अन्य उम्मीदवारों को सलाह देती हैं कि असफलताओं से निराश न हों और अपने लक्ष्य की ओर लगातार बढ़ते रहें।

तृप्ति धोड़मिसे की यह कहानी यह दर्शाती है कि सही दिशा में की गई मेहनत और संघर्ष से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है, चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी कठिन क्यों न हों। उनकी सफलता न सिर्फ उनके लिए, बल्कि उन सभी के लिए प्रेरणा है जो जीवन की चुनौतियों के बीच अपने सपनों को साकार करने की दिशा में अग्रसर हैं।

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