अभिजीत सिन्हा की कहानी एक उदाहरण है कि कैसे दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत असफलताओं को सफलता में बदल सकते हैं। आईआईटी कानपुर से बीटेक करने के बाद, अभिजीत ने यूपीएससी की ओर अपना रुख किया। उनकी पहली कोशिश में, वह इंटरव्यू तक पहुंचे लेकिन अंतिम चयन सूची में जगह नहीं बना पाए। हालांकि, वह हताश नहीं हुए और अपनी कमियों को पहचान कर, उनमें सुधार किया।
उनकी सफलता का मंत्र था – लगातार प्रयास और आत्मविश्वास। उन्होंने अपनी तैयारी में एक सख्त रणनीति का पालन किया, जिसमें NCERT की किताबों से लेकर विभिन्न स्रोतों का अध्ययन शामिल था। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि वह नियमित रूप से अपने नोट्स की समीक्षा करें।
अभिजीत यह मानते हैं कि यूपीएससी की तैयारी में मोटिवेशन और धैर्य दोनों ही अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने अपने अनुभवों को दिल्ली नॉलेज ट्रैक के इंटरव्यू में साझा किया, जहां उन्होंने अन्य प्रतियोगियों को सलाह दी कि कैसे वे भी इस परीक्षा में सफल हो सकते हैं।
अभिजीत की कहानी से यह सीखने को मिलता है कि असफलताएँ सफलता की ओर जाने वाले पथ पर केवल एक पड़ाव हैं, अंत नहीं। उनकी दृढ़ता, योजना और कठिन परिश्रम ने उन्हें उनके सपने तक पहुँचाया, और यह उनकी सफलता की कुंजी बन गई।