रैना जमील, झारखंड के एक छोटे गांव से निकली एक युवती, जिन्होंने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और कठिन परिश्रम से IAS अधिकारी बनने का सपना साकार किया। उनकी यह यात्रा, जो एक उर्दू स्कूल से शुरू होकर यूपीएससी की सफलता तक पहुंची, वास्तव में प्रेरणादायक है।
रैना का जन्म एक समर्थन प्रदान करने वाले परिवार में हुआ, जहां उन्हें पढ़ाई के प्रति हमेशा प्रोत्साहन मिला। इसकी बदौलत, उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा एक उर्दू स्कूल से प्राप्त की, जिसके बाद उन्होंने ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। उनके पढ़ाई के दौरान, उनके परिवार ने उन्हें कभी भी दूर कॉलेज जाने से नहीं रोका और न ही किसी तरह का दबाव डाला।
रैना की उपलब्धियां केवल अकादमिक ही नहीं रहीं। उन्होंने अपने बड़े भाई, जो पहले ही यूपीएससी परीक्षा के माध्यम से IRS सेवा के लिए चयनित हुए थे, से प्रेरणा ली। उन्होंने जुलॉजी में अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई के बाद, यूपीएससी परीक्षा में भी इसी विषय को अपना ऑप्शनल विषय बनाया।
रैना के अनुसार, यूपीएससी परीक्षा में सफलता के लिए एक अच्छी रणनीति और धैर्य अत्यंत आवश्यक हैं। उनका मानना है कि बेसिक्स को समझना और उनपर पकड़ बनाना, इस परीक्षा की सफलता की कुंजी है। रैना ने अपने पहले प्रयास में 882वीं रैंक हासिल की और इंडियन इंफॉर्मेशन सर्विस में चयनित हुईं। हालांकि, उन्होंने आईएएस पद के लिए दोबारा प्रयास किया और अंततः अपनी मंजिल तक पहुंचीं।
रैना जमील का यह सफर यह दर्शाता है कि कठिन परिश्रम, लगन और सही मार्गदर्शन से कोई भी अपने सपने को साकार कर सकता है। उनकी कहानी न केवल झारखंड के एक छोटे गांव की है, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो बड़े सपने देखता है और उन्हें पूरा करने की चाह रखता है।