संजीता महापात्रा, जो उड़ीसा के राउरकेला से आती हैं, ने इंटरमीडिएट के बाद मैकेनिकल इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और ग्रेजुएशन के दौरान ही यूपीएससी में अपने करियर की दिशा तय की। उनकी यह यात्रा आसान नहीं थी। यूपीएससी के लिए उन्होंने तीन प्रयास किए, लेकिन प्री-परीक्षा में ही वे असफल रहीं। निराश होकर उन्होंने एक कंपनी में नौकरी कर ली, लेकिन उनकी आकांक्षाएं अभी भी जीवित थीं।
चौथे प्रयास में भी जब वे असफल रहीं, तो उन्होंने नौकरी छोड़ दी और पूर्ण रूप से यूपीएससी की तैयारी में जुट गईं। इस दौरान उनकी शादी भी हुई, लेकिन उन्होंने अपनी तैयारी को जारी रखा। उनकी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प ने आखिरकार रंग लाया, और पांचवें प्रयास में उन्होंने आईएएस परीक्षा 2019 में ऑल इंडिया रैंक 10 हासिल की।
संजीता का मानना है कि यूपीएससी की तैयारी में धैर्य और आत्मविश्वास आवश्यक हैं। उनके अनुसार, असफलता का सामना करने पर घबराना नहीं चाहिए, बल्कि उससे सीख लेकर और भी मजबूत होना चाहिए। उन्होंने साबित किया है कि लगातार प्रयास और कड़ी मेहनत से सपने सच हो सकते हैं।
संजीता की यह यात्रा उन सभी के लिए प्रेरणा है जो यूपीएससी की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उनकी कहानी बताती है कि संघर्ष के बावजूद, सफलता संभव है, बस जरूरत है तो निरंतर प्रयास और आत्मविश्वास की।