अनुभव सिंह: ग्रामीण परिवेश से आईएएस के शिखर तक
उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद से आए अनुभव सिंह ने अपने सपनों की उड़ान को अपने दृढ़ संकल्प और कठिन परिश्रम से अंजाम दिया। एक साधारण हिंदी मीडियम स्कूल से अपनी शिक्षा प्रारंभ करने वाले अनुभव ने अपने प्रत्येक कदम पर सफलता की नई इबारत लिखी। उनके पिता किसान थे और मां सरकारी स्कूल में क्लर्क, इसलिए अनुभव को अपने लक्ष्य के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी।
शिक्षा का सफर और प्रारंभिक सफलताएं
अनुभव ने जेईई परीक्षा में सफलता प्राप्त की और आईआईटी रुड़की से अपनी ग्रेजुएशन पूरी की। इस दौरान उन्होंने सिविल सेवा की ओर अपना रुझान बढ़ाया।
यूपीएससी की चुनौतीपूर्ण यात्रा
अनुभव का पहला प्रयास यूपीएससी में सफल रहा, लेकिन उन्हें इंडियन रेवेन्यू सर्विस मिला। इसके बाद उन्होंने दूसरे प्रयास में न केवल परीक्षा पास की, बल्कि आठवीं रैंक के साथ शीर्ष पर भी रहे। उनका आईएएस बनने का सपना
साल 2017 में साकार हुआ। अनुभव की यह उपलब्धि उनके अथक परिश्रम और लगन का परिणाम थी।
पढ़ाई में रणनीति और संयम
अनुभव की सफलता के पीछे उनकी सोची-समझी रणनीति थी। उन्होंने यूपीएससी के प्री, मेन्स, और इंटरव्यू की तैयारी को समग्रता से समझा और उस पर अमल किया। अनुभव ने एनसीईआरटी किताबों को अपनी तैयारी का मुख्य आधार बनाया और उन्हें बार-बार रिवाइज किया।
ऑप्शनल विषय का चयन: एक अहम कदम
अनुभव का मानना था कि ऑप्शनल विषय का चुनाव करते समय बहुत सोच-समझ कर निर्णय लेना चाहिए। उन्होंने मैथ्स को अपना ऑप्शनल विषय चुना और इसमें उच्च अंक प्राप्त किए। उनका मानना था कि ऑप्शनल विषय में रुचि होने के साथ ही उसकी स्कोरिंग पोटेंशियल पर भी विचार करना जरूरी है।
अनुभव की सलाह और प्रेरणा
अनुभव युवाओं को यह सलाह देते हैं कि परीक्षा की तैयारी में हमेशा गंभीरता और समर्पण बहुत महत्वपूर्ण हैं। चुनी हुई किताबों को गहराई से पढ़ना और उन पर निरंतर अभ्यास करना आवश्यक है। उनका मानना है कि पढ़ाई में मन लगाने से ही अंतिम समय में कोई भी विषय कंफ्यूजन का कारण नहीं बनता।
अनुभव सिंह की यह यात्रा न केवल उनकी व्यक्तिगत सफलता की कहानी है, बल्कि यह उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को साकार करने के लिए अथक परिश्रम कर रहे हैं। उनकी कहानी यह सिखाती है कि कठिन परिस्थितियों में भी दृढ़ निश्चय और समर्पण से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है।