आज हम बात करेंगे अनिल राठौर की, जिन्होंने मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के एक छोटे से गाँव से निकलकर आईएएस बनने का अपना सपना साकार किया।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
अनिल राठौर की शिक्षा एक हिंदी मीडियम स्कूल में हुई, जहाँ उन्होंने कक्षा 5 तक पढ़ाई की। बाद में, उन्होंने अपने स्कूल के बोर्ड को बदला और आईआईटी की परीक्षा में भाग लिया, जिसमें उनकी रैंक 2000 से अधिक थी। इसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।
यूपीएससी की ओर अग्रसर
इंजीनियरिंग के दौरान ही उन्हें यूपीएससी परीक्षा देने का ख्याल आया। उनकी दृढ़ता और निरंतर प्रयास ने उन्हें यूपीएससी की ओर अग्रसर किया।
संघर्षपूर्ण यात्रा
अनिल का चौथा प्रयास सफल रहा, लेकिन उनकी रैंक 569 थी, जिससे उन्हें रेलवेज एकाउंट्स सर्विसेस मिली। लेकिन वे इससे संतुष्ट नहीं थे और फिर से प्रयास किया। आखिरकार, पांचवें प्रयास में वे न केवल सफल हुए, बल्कि टॉपर्स में भी शामिल हो गए।
अनिल राठौर ने अपनी सफलता के लिए एनसीईआरटी किताबों और कोचिंग नोट्स पर भरोसा किया। उनका मानना था कि ये किताबें मूल बातों को समझने में बहुत मदद करती हैं। उन्होंने बार-बार रिवीजन करने पर जोर दिया और आंसर राइटिंग पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी। अनिल ने बताया कि मॉक टेस्ट देना और सीमित समय में पेपर पूरा करना सीखना भी महत्वपूर्ण है।
दृढ़ निश्चय और अथक परिश्रम
अनिल की सफलता उनके दृढ़ निश्चय और अथक परिश्रम का परिणाम है। उन्होंने हमेशा अपनी गलतियों से सीखा और अपने प्रयासों को निरंतर जारी रखा। उनकी यात्रा यह दर्शाती है कि सफलता तुरंत नहीं मिलती, लेकिन धैर्य और कठिनाइयों का सामना करने पर अंततः लक्ष्य प्राप्त होता है।
प्रेरणा का स्रोत
अनिल राठौर आज न केवल एक आईएएस अधिकारी हैं, बल्कि उनकी कहानी उन युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो कठिन परिस्थितियों में भी अपने सपनों को साकार करने की दिशा में अग्रसर हैं। उनकी यात्रा दर्शाती है कि संघर्ष और कठिनाइयों के बावजूद, सफलता की राह में दृढ़ता और लगन अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। अनिल राठौर ने यह साबित किया है कि सही दिशा में किया गया कठोर परिश्रम और समर्पण
अंततः सफलता की ओर ले जाता है। उनकी कहानी से यह सीख मिलती है कि अगर हम अपने लक्ष्य के प्रति सच्चे और दृढ़ रहें, तो किसी भी बाधा को पार कर सफलता हासिल की जा सकती है।
अनिल राठौर की सफलता की कहानी न केवल एक उदाहरण है, बल्कि एक प्रेरणादायक यात्रा भी है, जो हर उस व्यक्ति के लिए मार्गदर्शक है जो अपने सपनों को साकार करने की चाह रखता है। उनकी सफलता से यह संदेश मिलता है कि कठिनाइयाँ और चुनौतियाँ आपको मजबूत बनाती हैं और आपके सपनों की ओर बढ़ने के लिए आवश्यक दृढ़ संकल्प प्रदान करती हैं। अनिल राठौर की यह कहानी हमें यह सिखाती है कि सच्ची लगन, कठोर परिश्रम और आत्मविश्वास के साथ कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है।