खुशबू गुप्ता की कहानी एक प्रेरणादायक यात्रा है, जो दर्शाती है कि कठिनाइयों के बावजूद कैसे किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। पंजाब के एक छोटे से गांव से निकलकर, खुशबू ने आईआईटी से अपनी ग्रेजुएशन पूरी की। इस दौरान, उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा में अपना करियर बनाने का सपना देखा और इस दिशा में कदम बढ़ाया।
उनकी यूपीएससी की यात्रा आसान नहीं थी। पहले प्रयास में असफलता के बावजूद, उन्होंने निराश होने के बजाय और अधिक कठिनाई से काम लिया। उनकी दृढ़ता और सतत प्रयास ने उन्हें दूसरे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 80 हासिल करने में मदद की। यह उनके अथक परिश्रम और समर्पण का परिणाम था।
खुशबू का मानना है कि यूपीएससी की तैयारी में व्यापक रणनीति और लगातार अभ्यास का महत्व है। उन्होंने विशेष रूप से निबंध पेपर पर ध्यान केंद्रित किया, जिससे उनकी रैंक में सुधार हुआ। उनकी इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि ने उन्हें तकनीकी विषयों में अच्छी पकड़ प्रदान की, लेकिन उन्होंने यूपीएससी के विविध विषयों पर भी समान रूप से ध्यान दिया।
खुशबू की सलाह है कि यूपीएससी की तैयारी के लिए ईमानदारी और सख्त मेहनत आवश्यक हैं। उन्होंने मॉक टेस्ट देकर अपनी तैयारी का विश्लेषण किया और जहां कमियां मिलीं, उन्हें सुधारने का प्रयास किया। इसके अलावा, उत्तर लेखन की अभ्यास भी उनके लिए महत्वपूर्ण रहा।
खुशबू की कहानी हमें यह सिखाती है कि सफलता केवल कड़ी मेहनत और सही दिशा में प्रयास से ही मिलती है। उनकी यात्रा यह प्रमाणित करती है कि चाहे प्रारंभिक विफलताएं क्यों न हों, अगर हम लक्ष्य की ओर लगातार बढ़ते रहें, तो सफलता अवश्य मिलती है। खुशबू की यह यात्रा न केवल यूपीएससी उम्मीदवारों के लिए, बल्कि सभी युवाओं के लिए एक प्रेरणा है।