यूपीएससी की कठिन परीक्षा में सफलता प्राप्त करना किसी भी प्रतियोगी के लिए एक बड़ी चुनौती होती है। नूह सिद्दीकी की कहानी उन लोगों के लिए एक मिसाल है जो बार-बार असफलताओं के बाद भी हार नहीं मानते। 2011 में इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद नूह ने यूपीएससी के सपने को साकार करने की ठानी। उनकी यात्रा आसान नहीं थी – लगातार चार बार असफलता के बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।

पांचवें प्रयास में उन्होंने अपने सपने को साकार किया और यूपीएससी 2017 में ऑल इंडिया रैंक 326 हासिल की। नूह की यह सफलता उनकी अदम्य इच्छाशक्ति, कठोर परिश्रम और दृढ़ निश्चय का परिणाम थी। उन्होंने अपने हर असफलता को सीखने का अवसर माना और अपनी रणनीति में सुधार किया।

मोहम्मद नूह सिद्दीकी

नूह बताते हैं कि यूपीएससी की तैयारी में परिवार और दोस्तों का समर्थन अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे मानते हैं कि इस लंबी यात्रा में उनके परिवार और मित्रों के प्रोत्साहन ने उन्हें मजबूती प्रदान की। तनावपूर्ण क्षणों में उनके समर्थन ने नूह को नई ऊर्जा और दृढ़ता प्रदान की।

नूह सिद्दीकी की सलाह है कि यूपीएससी की परीक्षा के लिए आत्मविश्वास और सकारात्मकता अनिवार्य हैं। उनका मानना है कि प्रत्येक असफलता के बाद दोगुने जोश के साथ तैयारी करना और खुद को मोटिवेट रखना जरूरी है। उन्होंने हर विफलता से सीख ली और अपनी तैयारी के तरीकों में सुधार किया।

नूह सिद्दीकी की कहानी उन लोगों के लिए एक प्रेरणा है जो बार-बार असफलताओं के बाद भी सफलता की ओर अग्रसर होते हैं। यह स्पष्ट करता है कि दृढ़ संकल्प, सही मार्गदर्शन और सतत प्रयास से किसी भी उच्च लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। नूह सिद्दीकी की सफलता यह बताती है कि कठिनाइयों और बाधाओं के बावजूद, अगर हमारा लक्ष्य स्पष्ट है और हमारा संकल्प दृढ़ है, तो हम किसी भी उच्च शिखर को छू सकते हैं।

Rohan a young news writer and reporter with 2 years of experience, excels in content writing, latest news analysis, and ground reporting. His dedication to delivering accurate and timely information sets...