यूपीएससी की दुनिया में अनेक प्रतिभाशाली व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने अपने अद्वितीय यात्राओं से हमें प्रेरित किया है। इन्हीं प्रेरणास्रोतों में से एक हैं डॉ. नेहा जैन, जिन्होंने अपने जीवन में दोहरी उपलब्धियां हासिल की हैं। पहले, वे एक सफल डेंटिस्ट बनीं और बाद में उन्होंने आईएएस अधिकारी के रूप में अपनी पहचान बनाई।
नेहा का मार्ग आसान नहीं था। वह डेंटिस्ट्री की पढ़ाई कर रही थीं, लेकिन उनके मन में सिविल सेवाओं के प्रति एक गहरा आकर्षण था। उन्हें लगा कि सिविल सेवाएं उन्हें युवा उम्र में नेतृत्व के अवसर प्रदान कर सकती हैं, जिससे वे देश के लिए योगदान कर सकती हैं।
इसलिए, अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, नेहा ने नौकरी के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। वे वीकेंड पर अधिकतम समय पढ़ाई करती थीं और अपने टाइम मैनेजमेंट कौशल का उपयोग करती थीं। इसके अलावा, नेहा ने ऑनलाइन संसाधनों का भी समझदारी से इस्तेमाल किया। वे मानती हैं कि चुनिंदा वेबसाइटों और संसाधनों से तैयारी करना महत्वपूर्ण है, ताकि अध्ययन में भ्रम न हो।
उनकी सफलता की कुंजी थी एक सटीक रणनीति और अच्छी तरह से निर्धारित शेड्यूल। इसी के दम पर उन्होंने दूसरे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास की और अपने सपने को साकार किया।
डॉ. नेहा अन्य प्रतियोगियों को सलाह देती हैं कि नौकरी के साथ तैयारी करते समय प्रतिदिन 4 से 5 घंटे पढ़ाई करना महत्वपूर्ण है। उनके अनुसार, टाइम मैनेजमेंट सीखने से यूपीएससी की तैयारी में बड़ी मदद मिलती है। वे यह भी सुझाव देती हैं कि चुनिंदा किताबों का चयन करें, बार-बार रिवीजन करें और आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस करें।
डॉ. नेहा जैन की कहानी यह दर्शाती है कि सही दिशा में और समर्पण के साथ की गई तैयारी से सफलता अवश्य मिलती है। उनकी यात्रा हमें यह सिखाती है कि कठिनाइयों का सामना करते हुए भी अपने सपनों को पूरा करना संभव है।