यूपीएससी परीक्षा, भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक, अपने आप में एक अनूठा अनुभव होती है। नवनीत मान की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। इंजीनियरिंग के बाद उन्होंने यूपीएससी की राह चुनी और अपने दूसरे प्रयास में आईएएस बनने का सपना साकार किया।
नवनीत का जन्म और पालन-पोषण पंजाब के अमृतसर में हुआ, जहाँ उनके पिता दिल्ली पुलिस में इंस्पेक्टर थे। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा दिल्ली में पूरी की और बारहवीं के बाद इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया। कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद, उन्होंने यूपीएससी की ओर रुख किया।
उनका पहला प्रयास उन्हें 501वीं रैंक दिलाने में सफल रहा, जिससे उन्हें डिफेंस अकाउंट्स सर्विस में जगह मिली। हालांकि, नवनीत आईएएस बनना चाहती थीं, इसलिए उन्होंने दूसरा प्रयास किया। उनकी दृढ़ता और सटीक तैयारी ने उन्हें दूसरे प्रयास में ऑल इंडिया रैंक 33 दिलाई।
नवनीत का मानना है कि यूपीएससी की तैयारी के लिए सीमित और सटीक संसाधनों का चयन करना जरूरी है। उन्होंने जोर दिया कि चुनिंदा किताबों से पढ़ाई करने से सिलेबस जल्दी पूरा होता है, जिससे रिवीजन के लिए समय मिलता है। उनका मानना है कि यूपीएससी में सफलता के लिए अधिक से अधिक रिवीजन और आंसर राइटिंग प्रैक्टिस महत्वपूर्ण है।
नवनीत की यह सलाह है कि परीक्षार्थियों को अपने नोट्स तैयार करने चाहिए और सिलेबस को पूरा करने के बाद ज्यादा से ज्यादा रिवीजन पर ध्यान देना चाहिए। उनकी अपनी यात्रा और संघर्ष से सभी यूपीएससी उम्मीदवारों को यह संदेश मिलता है कि निरंतर प्रयास और समर्पण से सपने सच हो सकते हैं। नवनीत मान की कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणा है जो अपने करियर में बड़े लक्ष्यों को हासिल करना चाहते हैं।