यूपीएससी परीक्षा की सफलता के मार्ग में अनेक चुनौतियाँ और अवसर होते हैं। यह कहानी है सौम्या गुरुनानी की, जिन्होंने इंजीनियरिंग के बाद एक सुनहरा करियर छोड़कर यूपीएससी की कठिन यात्रा का चयन किया। सौम्या का जन्म उत्तराखंड के अल्मोड़ा में हुआ था और वे शिक्षा के क्षेत्र में हमेशा आगे रहीं। उन्होंने रुड़की से इंजीनियरिंग की और उसके बाद एक प्रतिष्ठित कंपनी में नौकरी प्राप्त की।

लेकिन, सौम्या का मन कुछ और ही चाहता था। उन्हें सिर्फ कंप्यूटर पर काम करने में संतोष नहीं मिलता था। इसलिए, उन्होंने यूपीएससी के क्षेत्र में कदम रखा। उनका परिवार भी इस निर्णय में उनके साथ खड़ा था। सौम्या ने यूपीएससी की तैयारी शुरू की और पहले ही प्रयास में मेंस परीक्षा तक पहुंच गईं। हालांकि, उन्हें पहली बार में सफलता नहीं मिली। उन्होंने कोचिंग छोड़ दी और स्वयं की मेहनत पर भरोसा किया।

सौम्या गुरुरानी

उनकी यह यात्रा आसान नहीं थी। दूसरे और तीसरे प्रयास में भी उन्हें असफलता का सामना करना पड़ा, लेकिन वे निराश नहीं हुईं। चौथे प्रयास में उन्होंने अपने सपने को साकार किया और आईएएस अफसर बन गईं। उनकी सफलता की कहानी यह दर्शाती है कि कठिन परिश्रम, धैर्य और सही रणनीति के साथ कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।

सौम्या की यह यात्रा उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षाओं में सफलता पाने का सपना देखते हैं। उनकी सलाह है कि असफलताओं से नहीं घबराना चाहिए और लगातार प्रयास करते रहना चाहिए। सौम्या की कहानी यह भी बताती है कि परिवार और दोस्तों का समर्थन कितना महत्वपूर्ण होता है। यह एक ऐसी कहानी है जो युवाओं को अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करती है।

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