यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) की कठिन परीक्षा का सफर अक्सर अनेक चुनौतियों से भरा होता है। इसमें सफलता प्राप्त करने के लिए अटूट धैर्य और कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है। इस यात्रा का एक उज्ज्वल उदाहरण हैं कार्तिक, जिन्होंने अपनी अदम्य इच्छाशक्ति और संकल्प से UPSC की परीक्षा में सफलता हासिल की।

कार्तिक, जो मूलतः हैदराबाद से हैं, ने अपने शैक्षिक करियर की शुरुआत इंजीनियरिंग से की। उनका बचपन से ही क्रिकेट के प्रति गहरा रुझान था, और उन्होंने इंजीनियरिंग के दौरान भी इस खेल में अपना प्रदर्शन जारी रखा। लेकिन अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद, कार्तिक ने अपना ध्यान UPSC की ओर मोड़ा और इसकी तैयारी के लिए दिल्ली चले गए।

सत्य साईं कार्तिक

उनकी यात्रा आसान नहीं थी। शुरुआती तीन प्रयासों में, वे प्रारंभिक परीक्षा में सफल नहीं हो पाए। हालांकि, उन्होंने हार मानने की बजाय अपनी कमियों को पहचाना और उनमें सुधार किया। अपने चौथे प्रयास में, उन्होंने अपनी रणनीति में बदलाव किया और कठिन परिश्रम के बल पर अंततः ऑल इंडिया रैंक 103 हासिल की।

कार्तिक का मानना है कि UPSC की तैयारी के दौरान, फिजिकल और मेंटल हेल्थ का ध्यान रखना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि पढ़ाई। उन्होंने साझा किया कि असफलताओं से घबराए बिना लगातार मेहनत करने पर एक दिन सफलता अवश्य मिलती है।

कार्तिक की कहानी न केवल उन युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है जो UPSC की तैयारी कर रहे हैं, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए भी है जो जीवन में किसी भी क्षेत्र में अपने सपनों का पीछा कर रहा है। उनकी सफलता यह साबित करती है कि कड़ी मेहनत, धैर्य और संकल्प आपको असंभव से लगने वाले लक्ष्य तक पहुंचा सकते हैं।

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