मंदार पत्की, महाराष्ट्र के एक प्रतिभाशाली युवा, ने अपने पहले प्रयास में बिना किसी कोचिंग के UPSC परीक्षा में 22वीं रैंक हासिल कर एक मिसाल कायम की। उनकी सफलता ने उन मिथकों को तोड़ दिया, जो UPSC परीक्षा के बारे में बनाए गए थे।
मंदार का मानना है कि परीक्षा की तैयारी में आपका शैक्षणिक पृष्ठभूमि मायने नहीं रखती; महत्वपूर्ण है आपका समर्पण और मेहनत। उनके अनुसार, सफलता के लिए अधिक किताबें पढ़ने की बजाय, सीमित संसाधनों का पुन: पुन: अध्ययन और उनका गहन रिवीजन अधिक महत्वपूर्ण है।
मंदार ने अपनी तैयारी के दौरान विशेष रूप से प्लानिंग और अच्छी तरह से सोच-समझकर अध्ययन की सलाह दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि सही गाइडेंस और संसाधनों का चुनाव करना और उनका बार-बार रिविजन करना उनकी सफलता का कारण रहा।
मंदार ने यह भी बताया कि आंसर राइटिंग प्रैक्टिस करना अत्यधिक जरूरी है, खासकर मेन्स की परीक्षा के लिए। उनका सुझाव है कि ऑप्शनल विषय का चुनाव सोच-समझकर करें, जिसमें आपकी रुचि हो।
मंदार की सफलता की कहानी उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो अपनी तैयारी की राह में विभिन्न मिथकों और गलतफहमियों से जूझ रहे हैं। उनकी यात्रा यह साबित करती है कि समर्पण, सही रणनीति और लगन से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है, चाहे परिस्थितियां कैसी भी हों। मंदार की कहानी उन युवाओं के लिए एक उम्मीद की किरण है जो बिना अतिरिक्त सहायता के अपने बलबूते पर सफलता हासिल करना चाहते हैं।