योगेश अशोकराव पाटिल, एक ऐसा नाम जो आज युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बन चुका है। महाराष्ट्र के पुणे से निकलकर इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद यूपीएससी की ओर बढ़े योगेश ने अपनी कठिनाइयों और दृढ़ निश्चय से एक अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। उनका सफर यह दर्शाता है कि कैसे कड़ी मेहनत और सटीक रणनीति से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।
योगेश ने 2018 में अपने पहले प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में 201 वां रैंक हासिल कर आईपीएस सेवा में प्रवेश किया। लेकिन उनका सपना आईएएस बनने का था। इसलिए, उन्होंने फिर से परीक्षा दी और 2019 में 63 वां रैंक हासिल कर अपने सपने को साकार किया। उनकी यह उपलब्धि उनके अटूट संकल्प और समर्पण का प्रमाण है।
योगेश की कहानी यूपीएससी के बारे में मौजूद कई मिथकों को तोड़ती है। उनका मानना है कि यूपीएससी में सफलता के लिए एक मजबूत रणनीति और निरंतर मेहनत की जरूरत होती है। उन्होंने यह भी साबित किया कि अंग्रेजी मीडियम में न पढ़ने वाले व्यक्ति भी इस परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं।
योगेश की सलाह है कि यूपीएससी के प्रत्येक उम्मीदवार को अपनी क्षमताओं के अनुसार तैयारी करनी चाहिए। उनके अनुसार, सिलेबस को समझना, नोट्स बनाना, बार-बार रिवीजन करना और मॉक टेस्ट देना अत्यंत महत्वपूर्ण है। योगेश का यह यात्रा वृत्तांत उन सभी के लिए एक प्रेरणा है, जो अपने सपनों को साकार करने के लिए कठिन परिश्रम करने को तैयार हैं।