आज के इस लेख में हम सैयद रियाज अहमद की प्रेरणादायक यात्रा की चर्चा करेंगे, जिन्होंने बारहवीं कक्षा में असफलता का सामना करने के बावजूद, अपनी कठिनाईयों को पार करते हुए IAS बनने का सपना साकार किया।
सैयद रियाज, महाराष्ट्र के नागपुर के निवासी, का शैक्षणिक सफर सामान्य नहीं रहा। जहां अधिकांश लोग मानते हैं कि यूपीएससी जैसी प्रतिष्ठित परीक्षाएं केवल शिक्षा में उत्कृष्ट छात्रों के लिए होती हैं, रियाज ने इस मिथक को तोड़ दिया। इंटरमीडिएट तक उनकी पढ़ाई में रुचि कम थी और वे बोर्ड परीक्षा में फेल हो गए। लेकिन उनके पिता ने हमेशा उनमें विश्वास जताया और उनका साथ दिया।
यूपीएससी की यात्रा में रियाज को पांच प्रयासों के बाद सफलता मिली। शुरुआती असफलताओं ने उन्हें निराश किया, लेकिन उनके पिता के समर्थन और प्रेरणा ने उन्हें आगे बढ़ने की शक्ति दी। आर्थिक कठिनाइयां भी उनके रास्ते में आईं, लेकिन वे अपने लक्ष्य पर अडिग रहे।
रियाज की कहानी उन सभी उम्मीदवारों के लिए एक संदेश देती है जो यूपीएससी की चुनौतीपूर्ण परीक्षा को सामना कर रहे हैं। उनका मानना है कि कठिनाईयों और धैर्य के बावजूद, किसी भी पृष्ठभूमि से आने वाला व्यक्ति इस परीक्षा में सफल हो सकता है। उनकी सलाह है कि लगातार मेहनत और परिवार के सपोर्ट को अपना मोटिवेशन बनाकर, सफलता की ओर बढ़ना चाहिए।
सैयद रियाज अहमद की यह कहानी यह बताती है कि जीवन में असफलताएं केवल अंत नहीं होती, बल्कि एक नई शुरुआत का मार्ग भी हो सकती हैं। उनकी यात्रा उन सभी के लिए प्रेरणा है जो सपनों को सच करने की ओर अग्रसर हैं।