यूपीएससी की चुनौतीपूर्ण परीक्षा में सफलता की राह अनेक बार कठिनाइयों और परिश्रम से भरी होती है, और इसी राह की यात्री नवनीत मान की कहानी हमारे सामने है। इंजीनियरिंग के बाद उन्होंने यूपीएससी की दिशा में कदम बढ़ाया और उनकी यात्रा अनूठी रही है। नवनीत ने अपने पहले प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली, लेकिन उनकी रैंक 501 रही, जिससे वे आईएएस के पद तक नहीं पहुँच पाई। लेकिन उन्होंने इसे अपनी अंतिम यात्रा नहीं माना।
नवनीत की दृढ़ संकल्प और सटीक तैयारी ने उन्हें दूसरे प्रयास में शानदार सफलता दिलाई, जहां उनकी रैंक 33 आई। इस सफलता के पीछे उनकी सीमित संसाधनों के साथ की गई सजग और समर्पित तैयारी थी। उनका मानना है कि चुनिंदा किताबें और सिलेबस के अनुसार तैयारी करने से विद्यार्थी अधिक कुशलता से परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं।
अमृतसर की मूल निवासी नवनीत के पिता दिल्ली पुलिस में इंस्पेक्टर रहे हैं, और उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई दिल्ली में की। 12वीं के बाद उन्होंने कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की और उसके बाद यूपीएससी की ओर रुख किया।
नवनीत अन्य उम्मीदवारों को सलाह देती हैं कि वे अपनी तैयारी के दौरान शॉर्ट नोट्स बनाएं, जो रिवीजन में मदद करेंगे। उनका कहना है कि तैयारी के बाद अधिकतम समय रिवीजन और आंसर राइटिंग प्रैक्टिस में लगाना चाहिए।
नवनीत की यात्रा न केवल यूपीएससी के अभ्यर्थियों के लिए, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को सच करने के लिए कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प की राह पर चल रहा है। नवनीत की कहानी यह दर्शाती है कि सही रणनीति और समर्पण के साथ, कोई भी अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है।