आईएएस बनने का सपना लेकर चलने वाले हर प्रतियोगी की कहानी में कुछ खास होता है, और बिशाखा जैन की कहानी भी इससे अलग नहीं है। बिशाखा ने अपनी छात्र जीवन में लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। उनके लिए पढ़ाई हमेशा आसान रही थी और उन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंट की परीक्षा में भी अपनी पहली ही कोशिश में सफलता हासिल की। लेकिन यूपीएससी की राह उनके लिए उतनी सहज नहीं थी।
उनके यूपीएससी के सफर की शुरुआत उम्मीदों के साथ हुई, लेकिन पहले, दूसरे, और तीसरे प्रयास में सफलता नहीं मिली। इस असफलता ने उन्हें निराशा की ओर धकेल दिया, और उन्होंने एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करना शुरू कर दिया। लेकिन उनका धैर्य और संकल्प उन्हें इस चुनौती से लड़ने की शक्ति देता रहा।
बिशाखा ने नौकरी के साथ-साथ अपनी तैयारी जारी रखी और चौथे प्रयास में भी जब सफलता नहीं मिली, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। आखिरकार, उनका पांचवां प्रयास रंग लाया और उन्होंने 2019 की यूपीएससी परीक्षा में 101वीं रैंक प्राप्त की।
बिशाखा का मानना है कि यूपीएससी की तैयारी में धैर्य और लगातार मेहनत अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने अपने अनुभव से सीखा कि असफलताएं आपको मजबूत बनाती हैं, और अगर आप पूरी ताकत और संकल्प के साथ प्रयास करते रहें तो एक दिन सफलता अवश्य मिलेगी। उनकी यह सफलता उन सभी के लिए प्रेरणा है जो लगातार असफलताओं के बावजूद अपने सपनों का पीछा कर रहे हैं।