मुंबई के भिवंडी क्षेत्र में नए रेलवे फ्लाईओवर के निर्माण ने किसानों के जीवन में कई बड़े बदलाव लाए हैं। यह परियोजना, जो कोपर रोड से भिवंडी रोड रेलवे स्टेशन को जोड़ती है, ने क्षेत्र के कृषि समुदाय के सामने नई चुनौतियां पेश की हैं।

परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया ने स्थानीय किसानों को विशेष रूप से प्रभावित किया है। किसानों का आरोप है कि उनकी जमीन का अधिग्रहण बिना उचित मुआवजे के किया गया है, और फ्लाईओवर के लिए प्रस्तावित संपर्क मार्ग में बदलाव के कारण उन्हें अतिरिक्त नुकसान हुआ है।

किसानों ने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए उपविभागीय अधिकारी भिवंडी और ठाणे के जिलाधिकारी से मुलाकात की है। उन्होंने मांग की है कि उनकी जमीन का दोबारा आकलन किया जाए और उन्हें उचित मुआवजा प्रदान किया जाए।

इस परियोजना की शुरुआत 2016 में हुई थी, जब डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड को रेल मंत्रालय ने इस फ्लाईओवर के निर्माण की अनुमति दी थी। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा इस प्रोजेक्ट की समीक्षा की जा रही है।

किसानों का कहना है कि उनकी जमीन का मूल्यांकन मनपा क्षेत्र की जमीन के अनुरूप होना चाहिए। इस फ्लाईओवर के निर्माण के लिए मनपा क्षेत्र की जमीन का भी अधिग्रहण किया गया है, जिससे किसानों को लगता है कि उन्हें भी समान मुआवजा मिलना चाहिए।

इस विकास परियोजना ने न केवल स्थानीय कृषि समुदाय को प्रभावित किया है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि आधुनिकीकरण और विकास की दौड़ में कभी-कभी स्थानीय आबादी के हितों की अनदेखी हो जाती है। यह मामला एक बड़े सवाल को उठाता है – क्या विकास के नाम पर स्थानीय आबादी के अधिकारों को नजरअंदाज किया जा सकता है? इस स्थिति में, किसानों की चिंताओं को सुनना और उन्हें उचित समाधान प्रदान करना महत्वपूर्ण है।

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