दिल्ली के प्रगति मैदान इलाके में निर्मित टनल रोड की स्थिति ने निराशा का वातावरण बना दिया है। इस सड़क का निर्माण, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 जून 2022 को किया था, करीब 920 करोड़ रुपये की लागत से किया गया था। हालांकि, अब 18 महीने के भीतर ही इसकी हालत खस्ता हो गई है।

टनल के अंदर पानी के रिसाव के कारण यह ड्राइविंग के लिए सुरक्षित नहीं रह गया है। दीवारों और छतों से लगातार पानी रिस रहा है, जिससे न केवल आर्ट वर्क को नुकसान पहुंचा है, बल्कि बिजली के तारों में शॉर्ट सर्किट का खतरा भी बढ़ गया है। टनल के कुछ हिस्सों में गाड़ियों की छत पर भी पानी टपक रहा है, जो दो पहिया वाहन चालकों के लिए विशेष रूप से खतरनाक है।

टनल के अंदर मोबाइल नेटवर्क न आने की समस्या भी है, जिसे लेकर दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने अपनी चिंता व्यक्त की है। इस टनल में पानी के रिसाव के कारण सड़क पर जलभराव हो रहा है, जिससे वाहन चालकों को अचानक अपने वाहनों की गति को कम करना पड़ रहा है और इससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ रहा है।

समस्या की गंभीरता को देखते हुए, पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की एक टीम ने इस क्षेत्र का दौरा किया है। उन्होंने पाया कि यमुना नदी के निकट होने के कारण ग्राउंड वाटर लेवल में वृद्धि से टनल के निचले हिस्सों में पानी का रिसाव हुआ है। इससे निपटने के लिए पंप और मैनुअल तरीकों से पानी निकालने के उपाय किए जा रहे हैं।

इस घटना से यह साबित होता है कि बड़ी परियोजनाओं के लिए निर्माण की गुणवत्ता और लंबी अवधि के रखरखाव पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है। ऐसे निर्माण कार्यों में भविष्य की समस्याओं को रोकने के लिए समय-समय पर जांच और रखरखाव जरूरी होता है। इस मामले में, प्रगति मैदान टनल रोड की स्थिति ने इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में स्थायित्व और दीर्घकालिक योजना की महत्वपूर्णता को रेखांकित किया है।

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