यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) की परीक्षा, जिसे भारत में सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है, अक्सर कई उम्मीदवारों को अपनी राह में चुनौतियों का सामना करने को मजबूर करती है। इस परीक्षा में सफलता न केवल ज्ञान और समझ पर निर्भर करती है, बल्कि धैर्य, लगन, और अदम्य साहस पर भी आधारित होती है।
चाहत बाजपेयी, एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व, जिन्होंने UPSC 2018 में अपने तीसरे प्रयास में ऑल इंडिया रैंक 59 हासिल कर आईएएस अधिकारी बनने का अपना सपना साकार किया, वास्तव में इस बात की मिसाल हैं कि कैसे अविचलित प्रयास और दृढ़ संकल्प व्यक्ति को उसकी मंजिल तक पहुंचा सकते हैं।
चाहत की शिक्षा और निर्णय
चाहत का शैक्षिक सफर भी काफी प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने अपनी इंटरमीडिएट शिक्षा के बाद आईआईटी कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद, चाहत ने UPSC की ओर अपना रुख किया और इसकी तैयारी शुरू की।
UPSC के प्रति चाहत का दृष्टिकोण
UPSC की परीक्षा में पहली बार असफल होने के बावजूद, चाहत ने हार नहीं मानी। उनका दूसरा प्रयास भी सफल नहीं हुआ, लेकिन उन्होंने अपनी गलतियों से सीखा और तीसरे प्रयास में उन्होंने अपनी तैयारी में सुधार किया। चाहत ने विशेष रूप से निबंध पेपर में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, जिससे उन्हें उच्च रैंक प्राप्त हुई।
चाहत की सलाह और प्रेरणा
चाहत का मानना है कि UPSC की तैयारी करते समय, पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों का अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है। इससे उम्मीदवारों को परीक्षा के पैटर्न और प्रश्नों के स्वरूप का बेहतर अंदाजा होता है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि उम्मीदवारों को निबंध के पेपर में ऐसे विषय चुनने चाहिए जिन पर वे सहजता से अपने विचार प्रकट कर सकें।
चाहत बाजपेयी की यह कहानी न केवल UPSC उम्मीदवारों के लिए, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणास्रोत है जो किसी भी क्षेत्र में अपने सपनों को साकार करने की दिशा में अग्रसर है। उनकी यात्रा यह दिखाती है कि सफलता का मार्ग कठिनाइयों से भरा हो सकता है, लेकिन निरंतर प्रयास और सकारात्मक दृष्टिकोण से ये कठिनाइयां पार की जा सकती हैं।