यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) की परीक्षा, जो भारत में सर्वोच्च सिविल सेवा परीक्षाओं में से एक है, अपने साथ कठिनाइयों और चुनौतियों का भार लेकर आती है। इस परीक्षा में सफलता के लिए जरूरी नहीं कि केवल पढ़ाई ही महत्वपूर्ण हो, बल्कि समय प्रबंधन और रणनीति भी इसमें उतनी ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। शिवा अग्रवाल की सफलता की कहानी इसी बात का एक उदाहरण है।
शिवा अग्रवाल का सफर
शिवा ने UPSC परीक्षा 2018 में अपने तीसरे प्रयास में सफलता हासिल की। उनके पहले दो प्रयासों में उन्हें असफलता का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उनकी सफलता का मुख्य कारण उनका समय प्रबंधन और बेहतर रणनीति थी।
समय प्रबंधन की महत्वपूर्णता
शिवा बताते हैं कि UPSC की तैयारी में समय प्रबंधन बेहद अहम होता है। उन्होंने अपने अध्ययन के घंटे नियोजित करके, प्रत्येक विषय को समुचित समय दिया।
नोट्स बनाने की कला
शिवा के अनुसार, नोट्स बनाना तैयारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने सलाह दी कि उम्मीदवारों को अपने सिलेबस के अनुसार नोट्स बनाने चाहिए, जिससे रिवीजन करना आसान हो जाता है। नोट्स में इंटरनेट और अन्य स्रोतों की मदद लेना भी लाभदायक हो सकता है।
अपनी शैली में उत्तर लिखना
शिवा का कहना है कि परीक्षा में उत्तर लिखते समय अपनी भाषा में जवाब देना जरूरी है। यह न केवल उत्तरों को विशिष्ट बनाता है बल्कि बेहतर अंक भी दिला सकता है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि उम्मीदवारों को अधिक से अधिक उत्तर लेखन का अभ्यास करना चाहिए।
अन्य उम्मीदवारों के लिए शिवा की सलाह
शिवा का मानना है कि UPSC में सफलता के लिए धैर्य और लगातार परिश्रम आवश्यक हैं। वे कहते हैं कि असफलता को सीखने का एक अवसर मानते हुए, अपनी गलतियों को सुधारना और बेहतर प्रयास करना चाहिए।
शिवा अग्रवाल की यह कहानी हमें यह सिखाती है कि समर्पण, समय प्रबंधन, और सही रणनीति के साथ किसी भी कठिनाई को पार किया जा सकता है। उनका यह सफर हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को सच करने की दिशा में अग्रसर है।