उपलब्धि की यात्रा कभी-कभी बेहद प्रेरक होती है, और यह यात्रा तब और भी खास बन जाती है, जब यह पहले प्रयास में ही सफलता की कहानी कहती है। कोया श्री हर्षा की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। साल 2017 में उन्होंने यूपीएससी सीएसई की कठिनाई भरी परीक्षा में अपने पहले प्रयास में ही 6वीं रैंक हासिल करके एक उदाहरण स्थापित किया।
कोया एक इंजीनियरिंग स्नातक थे और उन्होंने एनआईटी जमशेदपुर से अपनी शिक्षा पूरी की थी। उनका जीवन एक सामान्य इंजीनियर की तरह ही शुरू हुआ, जहाँ उन्होंने कुछ वर्षों तक एक कंपनी में कार्य किया। लेकिन उनके मन में एक अलग ही सपना पल रहा था – यूपीएससी की परीक्षा पास करने का। इस सपने को पूरा करने के लिए वे दिल्ली आ गए और अपनी पूरी ऊर्जा और समर्पण के साथ तैयारी में जुट गए।
कोया की सफलता की कुंजी उनकी रणनीति में निहित थी। उन्होंने सही किताबों का चुनाव करने पर जोर दिया और सलाह दी कि कैंडिडेट्स को किताबों की सीमित संख्या पर ही ध्यान केंद्रित करना चाहिए और उन्हें बार-बार पढ़ना चाहिए। उनका मानना था कि पढ़ाई का तरीका ही किसी को टॉपर बनाता है। कोया ने एनसीईआरटी किताबों को भी महत्वपूर्ण माना और सलाह दी कि इन्हें कभी नजरअंदाज न करें।
उनकी यात्रा का एक और महत्वपूर्ण पहलू था उनकी पढ़ाई की दिशा और तैयारी का तरीका। कोया ने सिलेबस को गहराई से समझा और अपनी तैयारी को एक सटीक योजना के अनुसार बढ़ाया। उन्होंने मॉक टेस्ट का भी भरपूर उपयोग किया, जिससे उन्हें अपनी कमियों का पता चलता रहा और वे सुधार करते रहे।
कोया की सफलता उनके अटूट विश्वास और कठिन परिश्रम का परिणाम है। उनकी कहानी उन सभी के लिए एक प्रेरणा है जो अपने सपनों को सच करने की ओर अग्रसर हैं। उनकी यात्रा हमें यह दिखाती है कि कठिन परिश्रम, सही रणनीति और दृढ़ संकल्प से कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है।