बिहार की बेटी अभिलाषा अभिनव की यूपीएससी सीएसई की यात्रा उनके दृढ़ निश्चय और अथक परिश्रम की गाथा है। साल 2017 में उन्होंने अपने तीसरे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा को 18वीं रैंक के साथ पास करके दिखाया कि सफलता के लिए केवल प्रयास ही नहीं, बल्कि निरंतर प्रयास और आत्मविश्वास भी जरूरी हैं।
अभिलाषा का जीवन पटना, बिहार की उस परिपेक्ष्य में और भी प्रेरणादायक है जहां लड़कियों की शादी एक निश्चित उम्र में हो जाना सामाजिक रूप से स्वीकृत है। ऐसे माहौल में उन्होंने अपने माता-पिता को शिक्षा की अहमियत समझाई और अपने लक्ष्य के लिए उनका समर्थन प्राप्त किया।
अभिलाषा ने अपनी शुरुआती शिक्षा के बाद बीटेक की पढ़ाई की और नौकरी में भी रहीं। उन्होंने अपनी नौकरी को कभी अपनी पढ़ाई के बीच में आने नहीं दिया और नौकरी के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी भी की। उनका मानना था कि अगर आपके पास समय है तो उसका पूरा उपयोग करें और यदि नौकरी कर रहे हैं तो भी समय का सदुपयोग करते हुए पढ़ाई करें।
अभिलाषा का पहला प्रयास 2014 में था जिसमें वे सफल नहीं हुईं। इसके बाद उन्होंने 2016 में दूसरा प्रयास किया और आईआरएस के लिए चयनित हुईं। लेकिन वे इससे संतुष्ट नहीं थीं और फिर से परीक्षा देकर इस बार टॉपर बनीं।
अभिलाषा की सलाह है कि परीक्षा की तैयारी के दौरान पूर्णतया आत्मविश्वास रखें और ईमानदारी से प्रयास करें। उन्होंने कहा कि प्रेरणा कहीं से भी ले सकते हैं लेकिन योजना अपने अनुसार बनाएं। अभिलाषा की यह कहानी यह दर्शाती है कि लगातार प्रयास और संघर्ष के बल पर किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।