यूपीएससी की परीक्षा में सफलता प्राप्त करना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि होती है, परंतु कुछ प्रतियोगी अपने वांछित पद को प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने से भी पीछे नहीं हटते। प्रियांक किशोर, जिन्होंने अपनी दृढ़ता और निरंतरता से यूपीएससी परीक्षा 2019 में ऑल इंडिया रैंक 61 प्राप्त की, इसका सजीव उदाहरण हैं।
प्रियांक ने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली थी, परन्तु उनकी रैंक 274 आई थी, जिसके अनुसार उन्हें इंडियन अकाउंट एंड ऑडिट सर्विस में जगह मिली। हालांकि, उनका लक्ष्य आईएएस अफसर बनना था। इसलिए, उन्होंने फिर से परीक्षा देने का निर्णय लिया और इस बार उन्होंने बेहतर रैंक प्राप्त की, जिससे उन्हें आईएएस का पद मिला।
प्रियांक का मानना है कि यूपीएससी की परीक्षा में सफलता के लिए सेल्फ कॉन्फिडेंस और सकारात्मक रवैया बहुत महत्वपूर्ण होता है। एक पॉजिटिव एटीट्यूड के साथ तैयारी करने से न केवल बेहतर परफॉर्मेंस संभव होता है, बल्कि यह आपको मानसिक रूप से भी मजबूत बनाता है।
प्रियांक ने अपने पहले प्रयास में मिली कमियों को पहचानकर उनमें सुधार किया। उन्होंने अपनी आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस बढ़ाई और अधिक मेहनत के साथ दूसरे प्रयास में भाग लिया। उनकी इस कठिनाई और परिश्रम का परिणाम सकारात्मक रहा और उन्हें आईएएस का पद मिला।
प्रियांक की यह सफलता यह दर्शाती है कि यदि आपके पास एक स्पष्ट लक्ष्य और सही रणनीति है, तो आप अपने सपनों को साकार कर सकते हैं। उनकी कहानी यह भी बताती है कि असफलता कोई अंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत है, जिससे हम अपनी कमियों को पहचान कर उन्हें सुधार सकते हैं और बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। प्रियांक किशोर की यह यात्रा यूपीएससी के प्रतियोगियों के लिए एक प्रेरणा है और उन्हें यह संदेश देती है कि संघर्ष और परिश्रम के बाद ही सच्ची सफलता मिलती है।