दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) ने अपने चरण-4 के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण और आकर्षक परिवर्तन किया है। तुगलकाबाद से एयरोसिटी के बीच बन रही नई मेट्रो लाइन, जिसे पहले सिल्वर कलर कोड दिया गया था, अब गोल्डन कलर कोड में बदल दिया गया है। यह फैसला यात्रियों की सुविधा और लाइन की विजिबिलिटी को बढ़ाने के लिए किया गया है।
क्यों हुआ यह परिवर्तन? आइए समझते हैं इसके पीछे के 5 मुख्य कारण:
यात्री सुविधा: DMRC ने इस परिवर्तन को इसलिए किया है ताकि यात्रियों को लाइनों की पहचान करने में आसानी हो। गोल्डन कलर सिल्वर की तुलना में अधिक दिखाई देता है, जिससे यात्रियों को लाइनों की पहचान करने में सुविधा होगी।
कोच कलर से भिन्नता: DMRC के अनुसार, मेट्रो ट्रेनों के कोच स्टील के बने हैं और उनका कलर सिल्वर से मिलता है। इसलिए, यदि मेट्रो लाइन का कलर कोड भी सिल्वर होता, तो यह कोच के कलर में विलीन हो जाता, जिससे यात्रियों को पहचानने में कठिनाई होती।
बेहतर विजिबिलिटी: गोल्डन कलर कोड से लाइन की विजिबिलिटी और स्पष्टता बढ़ेगी। यह रंग ज्यादा आकर्षक और स्पष्ट दिखाई देता है, जिससे यात्रियों को लाइन की पहचान करने में आसानी होगी।
नया कलर कोड, नई पहचान: इस नई लाइन को गोल्डन कलर कोड देने से इसे दिल्ली मेट्रो की अन्य लाइनों से अलग पहचान मिलेगी। यह कलर कोड इस लाइन को एक विशिष्ट पहचान प्रदान करेगा।
चरण 4 के विस्तार का प्रतीक: यह नई लाइन दिल्ली मेट्रो के चरण 4 के विस्तार का हिस्सा है, जो 23.62 किलोमीटर लंबी होगी और कश्मीरी गेट-राजा नाहर सिंह वायलेट लाइन को एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन से जोड़ेगी। इस नए कलर कोड के साथ, यह लाइन राष्ट्रीय राजधानी के दक्षिणी भाग में नई कनेक्टिविटी और विकास का प्रतीक बनेगी।
इन कारणों से DMRC ने तुगलकाबाद-एयरोसिटी लाइन के लिए सिल्वर से गोल्डन कलर कोड में परिवर्तन किया है, जो यात्रियों की सुविधा और लाइन की पहचान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।