यूपीएससी के सफर में सफलता और असफलता का अपना अलग महत्व होता है। दिल्ली की नूपुर गोयल की कहानी इस बात का जीवंत उदाहरण है। उन्होंने यूपीएससी में सफलता पाने के लिए छह वर्षों का लंबा समय लगाया, लेकिन अंततः उनकी मेहनत और दृढ़ निश्चय ने उन्हें विजयी बनाया।

नूपुर की शिक्षा यात्रा उनके इंटरमीडिएट पास करने के बाद शुरू हुई जब उन्होंने दिल्ली की टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। इसके बाद इग्नू से मास्टर्स डिग्री भी प्राप्त की। उनका सपना हमेशा से यूपीएससी में सफलता पाने का था, और इस दिशा में उन्होंने लंबे समय तक कठिन परिश्रम किया।

नूपुर गोयल

नूपुर के सफर में असफलताएं भी आईं, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। यहां तक कि जब समाज से ताने मिले, तब भी उनके परिवार ने उनका पूरा समर्थन किया। नूपुर का मानना है कि यूपीएससी का सपना केवल व्यक्ति विशेष का नहीं होता, बल्कि पूरे परिवार का होता है। उनके परिवार ने उन्हें निरंतर प्रोत्साहित किया, जिससे उनकी सफलता के अवसर बढ़ गए।

नूपुर अन्य उम्मीदवारों को सलाह देती हैं कि वे यूपीएससी में जाने के अपने कारणों को स्पष्ट रखें और उन्हें अपनी टेबल पर लगाएं, ताकि वे हमेशा प्रेरित रह सकें। उनका कहना है कि असफलताओं से घबराना नहीं चाहिए और खुद पर भरोसा रखना चाहिए। यदि आपको परिवार का सहयोग मिलता है, तो आप और भी अधिक प्रेरित होकर बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।

उनकी इस सफलता की यात्रा से सीखने का सबक यह है कि यूपीएससी की तैयारी के लिए एक सशक्त रणनीति बनाई जानी चाहिए और उसमें लगातार काम करते रहना चाहिए। नूपुर की कहानी यह संदेश देती है कि कठिन परिश्रम और दृढ़ संकल्प से हर असफलता को पार किया जा सकता है।

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