नई दिल्ली से नोएडा की यात्रा करने वालों को सिग्नल-फ्री ट्रैफिक का अनुभव प्रदान करने के लिए बारापूला फेज-3 फ्लाईओवर का निर्माण एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। लेकिन, विभिन्न चुनौतियों के चलते इस प्रोजेक्ट का समापन इस वर्ष भी संभावित नहीं दिखाई दे रहा है।

इस प्रोजेक्ट की सबसे बड़ी बाधा वित्तीय संसाधनों की कमी है। निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए लगभग 250 करोड़ रुपये की आवश्यकता है, जिसका भुगतान अभी तक नहीं हुआ है। इसके अलावा, निर्माण स्थल पर मौजूद लगभग 350 पेड़ों को हटाने की आवश्यकता है, जो एक अन्य प्रमुख चुनौती है।

प्रोजेक्ट का काम अप्रैल 2015 में शुरू हुआ था, और नौ साल बाद भी इसका समापन नहीं हुआ है। इसकी प्रमुख वजह यह है कि शुरुआत में इस प्रोजेक्ट के लिए 964 करोड़ रुपये का अनुमान लगाया गया था, लेकिन समय के साथ इसकी लागत बढ़कर 1068.4 करोड़ रुपये हो गई। अब तक इसके 81.4% भुगतान किया जा चुका है, लेकिन बाकी राशि का भुगतान अभी भी बाकी है।

जमीन की समस्या भी इस प्रोजेक्ट के लिए एक बड़ी चुनौती रही है। शुरुआत में फ्लाईओवर के लिए 8.5 एकड़ जमीन की जरूरत थी, लेकिन स्थानीय किसानों द्वारा जमीन न देने के कारण प्रोजेक्ट में देरी हुई। हालांकि, किसानों से 6 एकड़ जमीन अधिग्रहण करने के बाद भी, अभी भी 0.25 एकड़ जमीन की आवश्यकता है।

इन सभी चुनौतियों के कारण, दिल्ली से नोएडा के लिए सिग्नल फ्री ट्रैफिक प्रदान करने का सपना अभी भी दूर की कौड़ी है। यह प्रोजेक्ट न केवल ट्रैफिक को सुगम बनाने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के विकास के लिए भी एक प्रमुख परियोजना है। अब देखना यह है कि यह प्रोजेक्ट कब तक पूरा हो पाता है और जनता को इसका लाभ कब मिल पाता है।

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