उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक नगरी अयोध्या, जो कि प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि के रूप में विख्यात है, में आगामी 22 जनवरी को एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान, प्राण प्रतिष्ठा समारोह, का आयोजन किया जा रहा है। इस विशेष आयोजन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए, राम मंदिर ट्रस्ट एवं उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने-अपने स्तर पर गहन तैयारियां की हैं। समारोह को भव्यता एवं दिव्यता प्रदान करने के लिए व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं।

इस बड़े दिन के लिए, उत्तर प्रदेश पुलिस ने न केवल सुरक्षा उपायों को कड़ा किया है बल्कि यातायात प्रबंधन पर भी विशेष ध्यान दिया है। लखनऊ से अयोध्या की यात्रा करने वाले भक्तों और श्रद्धालुओं के लिए तीन प्रमुख मार्गों की पहचान की गई है। ये मार्ग हैं: कमता से चिनहट और मटियारी होते हुए बाराबंकी से अयोध्या, सुल्तानपुर रोड, और अहिमामऊ से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे होते हुए अयोध्या।

यातायात के सुगम संचालन हेतु, ग्रीन कॉरिडोर की अवधारणा को भी अपनाया गया है। इसके तहत, यात्रा मार्ग पर किसी भी प्रकार की अवरोधक स्थितियों को दूर करने की योजना है। वाहनों की गलत पार्किंग एवं अन्य बाधाओं को रोकने के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। सड़क पर होने वाले अतिक्रमण को हटाने और यातायात के सुचारू संचालन के लिए क्रेन और ई-रिक्शा का उपयोग किया जाएगा।

विशेषतः, वीवीआईपी यात्रियों के लिए रास्ते में किसी भी प्रकार की व्यवधान से मुक्ति सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त प्रयास किए जा रहे हैं। समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित व्यक्तियों के अतिरिक्त, 22 जनवरी को बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध होगा।

इस विशेष अवसर पर अयोध्या और लखनऊ के मध्य यातायात प्रबंधन और सुरक्षा उपायों को अत्यंत सूक्ष्मता और कुशलता से संभालने के लिए अतिरिक्त ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की मांग की गई है। इस प्रयास से न केवल आयोजन के सुचारू संचालन में मदद मिलेगी, बल्कि इससे श्रद्धालुओं की यात्रा भी सुगम और सुरक्षित होगी।

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