भारतीय प्रशासनिक सेवा की कठिनाइयों भरी परीक्षा में असफलताओं के बाद सफलता की कहानियां अक्सर युवाओं को प्रेरित करती हैं। ऐसी ही एक कहानी है ऋषि आनंद की, जिन्होंने अपने पांचवें प्रयास में यूपीएससी सीएसई 2019 को न केवल पास किया बल्कि उसमें उच्च रैंकिंग हासिल कर अपने सपने को साकार किया। ऋषि की यह यात्रा अनेक चुनौतियों और असफलताओं से भरी रही, लेकिन उनका दृढ़ संकल्प और अथक परिश्रम उन्हें इस मुकाम तक ले आया।
झारखंड के एक सामान्य परिवार से आने वाले ऋषि के लिए, उनकी यात्रा किसी भी तरह से साधारण नहीं थी। उनके पिता की आर्थिक स्थिति मजबूत न होने के कारण उन्हें अपनी पढ़ाई और शिक्षा के लिए कई बार समझौता करना पड़ा। इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद, ऋषि ने नौकरी करते हुए अपने परिवार की आर्थिक मदद की। लेकिन उनके भीतर की आकांक्षा उन्हें यूपीएससी की ओर ले गई।
अपने पहले चार प्रयासों में वे प्रारंभिक परीक्षा को भी पास नहीं कर पाए थे, जो कि किसी भी उम्मीदवार के लिए निराशाजनक हो सकता है। लेकिन ऋषि ने हार नहीं मानी। उनके दृढ़ विश्वास और परिवार के समर्थन ने उन्हें पांचवें प्रयास में न केवल सफलता दिलाई, बल्कि उन्हें उच्च रैंकिंग प्राप्त करने में भी मदद की।
ऋषि ने अपने इंटरव्यू में बताया कि कैसे उन्होंने अपनी प्रत्येक असफलता से सीखा और खुद को बेहतर बनाने की कोशिश की। वह कहते हैं कि सफलता की राह में असफलताएं अवश्यंभावी हैं, लेकिन उनसे सीखने और उन्हें स्वीकार करने की क्षमता ही वास्तविक सफलता की कुंजी है।
उनकी कहानी उन सभी युवाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत है जो कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। ऋषि की सलाह है कि सफलता के लिए दृढ़ संकल्प, सही दिशा में मेहनत और असफलताओं से सीखने की इच्छाशक्ति अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उनका मानना है कि जीवन में कभी भी हार न मानने का जज्बा ही व्यक्ति को उसके सपनों तक पहुँचाता है।