जीवन में हर कदम पर सफलता की नई मिसाल कायम करते हुए अंकुश भाटी ने 2018 में अपने दूसरे प्रयास में भारतीय प्रशासनिक सेवा (UPSC CSE) की परीक्षा में उत्कृष्टता हासिल की। समाजशास्त्र के विषय के साथ उन्होंने इस चुनौतीपूर्ण परीक्षा को पास किया। आइए जानते हैं उनके इस सफलता के सफर के बारे में।
अंकुश जेवर, उत्तर प्रदेश के एक गाँव रामपुर बांगर से हैं। उनके पिता वायुसेना में सेवारत थे और परिवार में मुख्यतः कृषि कार्य होता था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा केंद्रीय विद्यालय से पूरी की और आगे चलकर बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से स्नातक की डिग्री हासिल की। शिक्षा के प्रति उनकी गंभीरता और उत्कृष्ट प्रदर्शन उन्हें राष्ट्रपति से पुरस्कार प्राप्त कराने में सहायक बने।
एक वर्ष की नौकरी के बाद, अंकुश ने UPSC की ओर रुख किया। उनका पहला प्रयास असफल रहा, लेकिन वे हार नहीं माने। उन्होंने अपनी कमजोरियों को पहचाना, उन्हें सुधारा और दूसरे प्रयास में 238वीं रैंक हासिल कर सफलता की नई ऊंचाइयों को छुआ।
सोशियोलॉजी ऑप्शनल की तैयारी के लिए अंकुश का मानना है कि व्यवस्थित अध्ययन और सही संसाधनों का चयन महत्वपूर्ण है। उन्होंने सिलेबस को गहराई से समझा और केवल आवश्यक पुस्तकों पर ही ध्यान केंद्रित किया, जिससे पुनरावृत्ति की प्रक्रिया सरल और प्रभावी बनी।
पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों का अध्ययन और मॉक टेस्टों का आयोजन उनकी तैयारी के अन्य महत्वपूर्ण पहलू थे। इससे उन्हें परीक्षा पैटर्न की गहराई से समझ मिली और वास्तविक परीक्षा की स्थिति में खुद को साबित करने का मौका मिला।
अंकुश भाटी की सफलता की कहानी न केवल उनके दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत की गवाही देती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि सही रणनीति और समर्पण के साथ कोई भी अपने सपनों को साकार कर सकता है। उनकी यात्रा उन सभी के लिए प्रेरणास्रोत है जो UPSC की चुनौतीपूर्ण परीक्षा का सामना कर रहे हैं।