श्रिया गुप्ता ने अपने दूसरे प्रयास में यूपीएससी सीएसई परीक्षा पास की थी। लॉ ग्रेजुएट श्रिया ने अपनी गलतियां साझा की हैं, जिससे उनसे दूसरे कैंडिडेट्स बहुत कुछ सीख सकते हैं।
यूपीएससी परीक्षा एक ऐसा महत्वपूर्ण चरण है जिसमें कैंडिडेट कई सीख प्राप्त करते हैं, जो उन्हें जीवनभर याद रहती है। हालांकि, अपने अनुभवों से सीखना मुश्किल और लंबा हो सकता है। ऐसे में, दूसरों के अनुभवों और ज्ञान का लाभ उठाकर गलतियों से बचा जा सकता है। यही अनुभव श्रिया गुप्ता का भी था, जिन्होंने साल 2015 में यूपीएससी सीएसई परीक्षा पास की और आईआरएस सेवा के लिए चयनित हुईं। दिल्ली नॉलेज ट्रैक के इंटरव्यू में उन्होंने अपनी गलतियों के बारे में चर्चा की।
उन्होंने कहा कि यूपीएससी न किसी सेवा को कम या ज्यादा आंकता है न ही उसके अनुसार व्यवहार करता है। यह हम कैंडिडेट्स होते हैं जो सेवाओं को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध होते हैं। उन्होंने सलाह दी कि सेवा के महत्व को समझना चाहिए और सेवा को लेकर किसी भी प्रकार का दबाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने दूसरे कैंडिडेट्स को यह सलाह दी कि प्री परीक्षा में अधिक ध्यान देना चाहिए, क्योंकि यह बहुत ही मुश्किल चरण है और इसमें अटक जाने पर आगे बढ़ना मुश्किल हो सकता है।
श्रिया ने अपनी पहली गलती मानी कि उन्होंने प्री के लिए बहुत अधिक आत्मविश्वास दिखाया था। वे लोगों को सलाह देती हैं कि प्री की तैयारी में अधिक ध्यान देना चाहिए और रिवीजन को भी महत्व देना चाहिए। उन्होंने भी सलाह दी कि ऑप्शनल के चयन में विवेकपूर्ण निर्णय लेना चाहिए, ताकि समय और तैयारी का सही उपयोग हो सके।
श्रिया का संदेश है कि अगर किसी को लगता है कि उनकी तैयारी में कुछ कमी है तो वह परीक्षा न दें, क्योंकि यह बोझ हो सकता है। वह सलाह देती है कि संदेश सेलेक्शन के बोझ से नहीं, बल्कि प्रयास के गर्व से मिलना चाहिए। उनका यह मानना है कि यूपीएससी की परीक्षा केवल एक मार्ग स्थापित करती है, और अगर इसमें सफलता नहीं मिलती तो किसी अन्य क्षेत्र में भी अपना अध्ययन और प्रयास जारी रखना चाहिए।