साल 2019 की परीक्षा में 42वीं रैंक लाने वाले दीपांकर चौधरी इससे पहले आईपीएस सेवा के लिए भी सेलेक्ट हो चुके हैं। आज जानते हैं दीपांकर से तैयारी के टिप्स.

दीपांकर चौधरी ने साल 2019 में अपने चौथे प्रयास में यूपीएससी सीएसई परीक्षा में 42वीं रैंक पायी है। हालांकि, इससे पहले के प्रयास में भी वे सेलेक्ट हुए थे और उनकी रैंक 166 आई थी। इस रैंक के अंतरगत उन्हें आईपीएस सेवा एलॉट हुई थी, जिसे उन्होंने ज्वॉइन भी कर लिया था और यह अटेम्पट उन्होंने सेवा में रहते हुए ही दिया। अपने चौथे अटेम्पट में उन्होंने मनमाफिक सफलता हासिल की और इस बार आईएएस का पद पाने में सफल हुए।

दीपांकर चौधरी

दीपांकर का बचपन झारखंड में बीता और उनकी प्राइमरी एजुकेशन भी वहीं हुई, उसके बाद वे दिल्ली आ गए, जहां से उनकी बची हुई स्कूलिंग और ग्रेजुएशन हुआ। दीपांकर ने साल 2015 में इंजीनियरिंग पूरी कर ली। इसके बाद उन्होंने कुछ समय काम भी किया और इसी बीच यूपीएससी परीक्षा में बैठने की योजना बनाई। साल 2016 से उन्होंने परीक्षा की तैयारी आरंभ की, जहां पहले दो अटेम्पट में उनका सेलेक्शन नहीं हुआ। तीसरे अटेम्पट में वे चयनित हुए और आईपीएस सेवा में गए। हालांकि उन्होंने इस दौरान भी तैयारी जारी रखी और अंततः अपने चौथे प्रयास में आईएएस बनने में कामयाब हुए।

दीपांकर के अनुसार, किताबों के चयन में कोई नियम नहीं है, जो भी किताब अच्छी लगे और समझ में आए, उसे चुनें। उन्होंने मंथली करंट अफेयर्स मैगजींस और इग्नू का स्टडी मैटीरियल सलाह दी और सिलेबस के हिसाब से मैटीरियल पढ़ने की सलाह दी। उनका कहना था कि करेंट अफेयर्स को कंटेम्परेरी अफेयर्स कहना बेहतर होगा और कम से कम ढ़ाई साल के करेंट अफेयर्स को कवर करना चाहिए।

दीपांकर ने टेस्ट पेपर्स को भी महत्व दिया और सलाह दी कि पेपर देने के बाद उसे ध्यान से एनालाइज करें। उन्होंने रिवीजन पर भी बहुत जोर दिया और कहा कि रिवाइजन ज़रूरी है।

अपने बारे में बताते हुए, दीपांकर ने कहा कि उन्होंने सुबह 5.30 बजे उठकर दौड़ाई की और अपनी हॉबी गिटार बजाने में समय निकाला। उनकी सलाह रही कि फिट रहें और अपने शेड्यूल में एक्सरसाइज को शामिल करें। उनका कहना था कि पढ़ाई ज़रूरी है, लेकिन स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

इस प्रकार, दीपांकर चौधरी की सफलता की कहानी हमें प्रेरित करती है और उनके अनुभव से हमें यूपीएससी की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण संदेश मिलते हैं। उनकी मेहनत, उनका संघर्ष और उनकी तैयारी की दृढ़ता हमें यह दिखाती है कि किसी भी लक्ष्य को हासिल करने के लिए सही दिशा में एकजुट होना और निरंतर प्रयास करते रहना आवश्यक है।

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