स्पर्श गुप्ता की आंखों की रोशनी काफी समय पहले ही चली गई थी. पर डिफरेंटली एबल्ड स्पर्श ने कभी इसे अपनी कमजोरी नहीं माना और अपने हौसले के दम पर साल 2019 बैच के आईएएस बने. आज जानते हैं स्पर्श की सफलता की कहानी।
डिसेबिलिटी नहीं, यह सिर्फ एक मेंटल बैरियर
स्पर्श गुप्ता का जन्म कैटारैक्ट के साथ हुआ था और समय के साथ उनकी दोनों आंखों की रोशनी पूरी तरह चली गई। हालांकि, रोशनी जाने के बावजूद, स्पर्श ने हार नहीं मानी और अपने जीवन की इस सच्चाई को सहर्ष स्वीकार करते हुए वे निरंतर आगे बढ़ते रहे। इस समस्या ने ही उन्हें लाइफ में कुछ रिमार्केबल करने के लिए प्रेरित किया।
अपने सपनों को पूरा करने की संघर्षा
स्पर्श ने क्लास 12वीं में स्पेशल कैटेगरी में ऑल इंडिया टॉप किया था और बीए एलएलबी ऑनर्स की डिग्री नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी, बैंग्लोर से प्राप्त की। इस दौरान, उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की और अपने सपने को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध रहे।
यूपीएससी की तैयारी में मास्टर
स्पर्श का मानना है कि परीक्षा की तैयारी शुरू करने से पहले यूपीएससी के सिलेबस को भली प्रकार देख लेना चाहिए। उनका यही सुझाव है कि इसे अपना धर्म ग्रंथ मानकर हमेशा ध्यान में रखें।
न्यूज पेपर्स और मॉक टेस्ट्स का महत्व
स्पर्श का मानना है कि यूपीएससी की तैयारी की शुरुआत के लिए एनसीईआरटी की किताबों से बढ़कर कुछ नहीं। उनका सुझाव है कि यूपीएससी के पेपर के लिए न्यूज पेपर्स को भी ध्यान में रखा जाए।
सफलता के लिए प्रयत्न
स्पर्श की सलाह है कि परीक्षाओं में सफलता पाने के लिए मॉक टेस्ट्स का बहुत महत्व है। उन्होंने अपने सफलता का राज यही बताया कि निरंतर प्रयास करें और कभी भी उम्मीद न छोड़ें।
इस तरह, स्पर्श गुप्ता ने अपनी अद्वितीय इच्छाशक्ति और प्रतिबद्धता के द्वारा अपने सपनों को साकार किया और उन्होंने साबित किया कि किसी भी कठिनाई के बावजूद सफलता हासिल की जा सकती है।