महिलाओं के लिए अपने सपनों को पूरा करना और उन्हें बढ़ावा देना वाकई कठिन हो सकता है, खासकर जब वह मां बन जाती हैं। लेकिन ऐसी कठिनाइयों के बावजूद, कुछ विशेष महिलाएं होती हैं जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए हर संघर्ष को निभा लेती हैं। डॉ. अनुपमा सिंह एक ऐसी ही महिला हैं, जिन्होंने मां बनने के बाद भी उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा की तैयारी करते हुए अपने सपनों को पूरा किया।
अनुपमा की शिक्षा का सफर उनके जन्म के शहर पटना से शुरू हुआ। उन्होंने अपनी पढ़ाई में काफी मेहनत की और अपने 12वीं के बाद एमबीबीएस की प्रवेश परीक्षा में सफलता प्राप्त की। उन्होंने पटना मेडिकल कॉलेज से अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई की, और इसके बाद बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से मास्टर ऑफ सर्जरी (एमएस) की डिग्री हासिल की। इसके बाद, उनकी जिंदगी में एक बड़ा बदलाव आया जब उन्होंने विवाह किया और बेटे को जन्म दिया।
मां बनने के बाद भी, अनुपमा ने अपनी पढ़ाई को जारी रखा। वे सरकारी अस्पतालों की दुर्दशा को देखकर आईएस अफसर बनने का सपना देखती रहीं। उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की और इसके लिए अपने बच्चे को छोड़कर दिल्ली जाने का फैसला किया। यह निर्णय बिना शक उनके जीवन का सबसे कठिन था, लेकिन वे अपने सपनों को पूरा करने के लिए इस चुनौती का सामना करने के लिए तैयार थीं।
दिल्ली आकर, अनुपमा ने पहली ही कोशिश में पूरी ताकत लगा दी। उनके पास समय की कमी थी, लेकिन वे निरंतर मेहनत करती रहीं। उन्होंने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास करने का सपना देखा और उसे हासिल कर लिया। उन्होंने अपनी नौकरी को भी इस लक्ष्य के लिए दांव पर लगा दिया, जिसे उन्हें पूरा करना था।
अनुपमा की सफलता का राज उनकी अथक मेहनत, संघर्ष और आत्मविश्वास में है। उन्होंने स्वयं को हमेशा याद दिलाया कि अगर उनके सपने हैं तो उन्हें पूरा करने का साहस और शक्ति भी उन्हें मिलेगी। वे अपने सफलता के संदेश के रूप में यह सलाह देती हैं कि सेल्फ-स्टडी, नोट्स बनाना, और न्यूज़पेपर पढ़ना सफलता के लिए आवश्यक हैं। उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि जब आप मेहनत करते हैं और अपने सपनों पर विश्वास रखते हैं, तो कुछ भी असंभव नहीं है।