सुमित कुमार राय, साल 2018 के यूपीएससी टॉपर, एक ऐसे उदाहरण हैं जो निरंतर प्रयास करते रहने के बावजूद अपने लक्ष्य को हासिल किया। सुमित की यूपीएससी की यात्रा में अनेक बाधाएं आईं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्हें चार बार यह परीक्षा देने के बाद भी सफलता नहीं मिली, लेकिन उन्होंने कभी आत्मविश्वास खोया नहीं। आखिरकार, पांचवें अटेम्पट में उन्हें यूपीएससी परीक्षा में 54वीं रैंक मिली।
सुमित की यह सफलता उनकी अदम्य मेहनत और धैर्य का परिणाम है। वे नौकरी के साथ भी अपनी तैयारी को जारी रखते रहे, जिससे कि वे हमेशा बिजी रहे, लेकिन अपने लक्ष्य के प्रति संवेदनशील रहे। उन्होंने दिनभर की पढ़ाई के लिए समय निकाला, अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए हर संभव प्रयास किया। उनकी यह सफलता उनके अदम्य संघर्ष और अथक मेहनत का परिणाम है।
सुमित के अनुसार, यूपीएससी की तैयारी के लिए धैर्य और निरंतर प्रयास बहुत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने अपनी तैयारी के लिए निरंतर संघर्ष किया, और हर बार अपने अगले प्रयास में सुधार करने का प्रयास किया। उन्होंने सिर्फ अपनी कोशिशों पर ध्यान केंद्रित किया और अपने लक्ष्य को हासिल किया।
सुमित की कहानी हमें यह सिखाती है कि सफलता के लिए महत्वपूर्ण है कि हम अपने लक्ष्य के प्रति पूरी तरह से संवेदनशील रहें, और हार नहीं मानें। वह हमें यह भी याद दिलाते हैं कि कोई भी लक्ष्य साधने के लिए मेहनत, धैर्य, और निरंतर प्रयास की आवश्यकता होती है।