मध्य प्रदेश के छोटे से जिले मुरैना की निधि बंसल का सफर उनके जज्बे की प्रतीक है। उन्होंने UPSC परीक्षा में पांच बार प्रयास किया, जिसमें दो बार उन्हें IPS सेवा तक पहुंचने का मौका मिला, और अंत में उन्होंने अपने पांचवें प्रयास में IAS अधिकारी बनने का सपना पूरा किया।
निधि का शिक्षा से संबंधित सफर काफी रोचक है। उन्होंने मुरैना में अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की और फिर एनआईटी त्रिचि से बीटेक किया। इसके बाद, वे एक साल के लिए नौकरी करते हुए सिविल सेवा की तैयारी करने लगीं। उन्हें सिविल सेवा में जाने का सपना था और उनकी दृढ़ता और मेहनत ने उन्हें उस सपने को पूरा करने की साक्षात्कार की।
निधि का सफर संघर्षपूर्ण रहा। पहले तीन प्रयासों में उन्हें सफलता नहीं मिली, लेकिन उन्होंने कभी आत्मविश्वास नहीं खोया। उन्होंने अपने अध्ययन में परिश्रम और धैर्य का अद्वितीय संयम दिखाया। निधि का उत्कृष्टता की दिशा में एक बड़ा कारक ऑप्शनल सब्जेक्ट का चयन था। पहले तीन प्रयासों में वह ऑप्शनल गलत चुनी थी, लेकिन उन्होंने अंतिम प्रयास में मैथमेटिक्स को चुना, जिससे उन्हें सफलता मिली।
उनकी तैयारी के दौरान, निधि ने बहुत संघर्ष किया और उसने अपने उत्तरों को तैयार करने के लिए नियमित रिवीजन का महत्व समझा। उन्होंने एनसीईआरटी की किताबें पढ़ी और न्यूज पेपर्स के मंथली कंपाइलेशन की किताबें भी अध्ययन किया। वे अखबार से नोट्स बनाते थे जो उनके लेखन कौशल को सुधारते थे और उन्हें अद्भुत वोकेबुलरी प्रदान करते थे।
निधि का उत्कृष्टता की दिशा में अद्वितीय योगदान था, जो उन्हें IAS सेवा में सफलता प्राप्त करने का सुनहरा मौका दिया। उन्होंने अपने दृढ़ संकल्प, समर्पण, और अदम्य उत्साह के साथ अपने सपनों को साकार किया, जो उन्हें आईएएस अधिकारी के रूप में सर्वोच्च सिविल सेवा में स्थान दिलाया।
निधि की सफलता के पीछे की कुछ महत्वपूर्ण सीखें हैं, जैसे कि निरंतर प्रयास करना, अपने अध्ययन को प्राथमिकता देना, और संघर्ष के माध्यम से सपनों को पूरा करने का आत्मनिर्भरता। उनकी कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि सफलता का रास्ता कभी भी आसान नहीं होता, लेकिन उसको प्राप्त करने के लिए समर्पण और प्रयास की आवश्यकता होती है।