आज की हमारी कहानी ‘IAS Abhilasha Abhinav की सफलता की है, जो अपने दृढ़ प्रयास और आत्म-विश्वास के साथ बिहार की धरती से उठकर IAS ऑफिसर बन गई हैं। अभिलाषा का अनुभव उन्हें यह सिखाता है कि सफलता देर से ही सही, लेकिन विश्वास के साथ अवश्य मिलती है।
अभिलाषा की सफलता का कहानी उनके परिवार में बड़े उत्साह के साथ स्वागत की जाती है, लेकिन इससे पहले उन्हें अपने घरवालों को यह समझाने में काफी मेहनत करनी पड़ी कि उन्हें पहले सिविल सेवा की परीक्षा देने दें और फिर शादी के बारे में सोचने की अनुमति दें। यह उनकी इच्छा थी कि उन्हें एक उच्च स्तरीय पद पर काम करना है, जो उनके सपनों को पूरा करने में मदद करेगा।
आज के समय में भारतीय समाज में ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां लड़कियों को जल्दी ही शादी कर देना समाज में स्वीकार्य माना जाता है, लेकिन अभिलाषा ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया और अपने सपनों को पूरा करने के लिए समर्थ हो गई।
अभिलाषा की शिक्षा का आधार पटना में हुआ, जहां उन्होंने अपने स्कूली कैरियर की शुरुआत की। उन्होंने सीबीएसई की कक्षा दसवीं में टॉप किया और बारहवीं में 84 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। इसके बाद, वे इंजीनियरिंग की तैयारी शुरू करने लगीं और ए.एस. पाटिल कॉलेज, महाराष्ट्र से बीटेक की पढ़ाई की।
अभिलाषा का मानना है कि समय का सही उपयोग बहुत महत्वपूर्ण है। वे कहती हैं कि कम्यूटिंग और अन्य गर्त के दौरान भी वे अपनी पढ़ाई के लिए समय निकालती थीं, जो उन्हें सफलता की राह पर आगे बढ़ने में मदद की।
अभिलाषा की इस सफलता का रास्ता आसान नहीं था। उन्होंने तीन अटेम्प्ट की और तीनों में ही सफल होकर अपने सपनों को पूरा किया। इससे हमें यह सिखने को मिलता है कि जीवन में सफलता के लिए सही दिशा और दृढ़ प्रयास की आवश्यकता होती है। अभिलाषा के अनुसार, सफलता का रहस्य उत्साह और सही दिशा में प्रयास करने में निहित है।