मुंबई शहर, महाराष्ट्र की राजधानी, अपनी प्राकृतिक सौंदर्य से नहीं सिर्फ मशहूर है, बल्कि अपने सौंदर्य और उच्च गतिविधियों के कारण भी जाना जाता है। लेकिन इस शहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा, मीठी नदी, के बारे में कहा जाता है कि यह नहीं सिर्फ शहर की सुंदरता में योगदान देती है, बल्कि इसका पानी शहर के लोगों के लिए महत्वपूर्ण होता है। हाल ही में बने गेट्स के निर्माण का निर्णय मुंबई के लोगों को बाढ़ से बचाने का एक प्रमुख कदम है।

मुंबई में मीठी नदी शहर से होकर बहने वाली 4 नदियों में से एक है। मीठी नदी विहार झील और पवई झील से निकलती है। मुंबई के लगभग 18 किलोमीटर में बहते हुए यह नदी अरब सागर में मिलती है। हर साल मीठी नदी कई इलाकों में बाढ़ का कारण बनती है।

बारिश में मीठी नदी में उफान से आसपास के इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति हो जाती है। दो साल पहले बीएमसी ने बाढ़ की स्थिति से बचने के लिए मीठी नदी पर 28 फ्लड गेट बनाने का निर्णय लिया था। इसके जरिए नदी के पानी को जगह-जगह से खोलकर बाढ़ जैसी स्थिति से बचाव होगा। बीएमसी प्रशासन ने अब इसका टेंडर जारी करने का फैसला किया है।

फ्लड गेट लगने से कुर्ला, जरी-मरी, सफेद पुल, बीकेसी, धारावी और एयरपोर्ट एरिया में बाढ़ जैसी स्थिति से राहत मिलेगी। इस संबंध में बीएमसी के अडिशनल कमिश्नर (प्रॉजेक्ट) पी. वेलरासू ने बताया कि फ्लड गेट मीठी नदी विकास के तीसरे चरण के तहत किया जाएग

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