आम लोगों की भांति, 2013 बैच के आईएएस अधिकारी राजकमल यादव भी उसी समय की तरह असफलताओं के साथ सफलता की राह पर चले। अपने पहले ही प्रयास में उन्हें इस महत्वपूर्ण परीक्षा में सफलता मिली, जो कि लाखों के लिए एक अद्भुत प्रेरणा का स्रोत बनी।
राजकमल की कहानी उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद से जुड़ी है। उनके पिता, एक ग्रामीण बैंक के मैनेजर के रूप में कार्यरत थे, जिन्होंने पढ़ाई को हमेशा महत्व दिया। राजकमल का बचपन सेना के स्टेशन के पास बिता, और वहाँ उड़ते हुए जेट्स को देखकर सपने बुनने लगे।
उन्होंने सैनिक स्कूल से वेटनरी कॉलेज तक कई स्थानों पर पढ़ाई की, लेकिन सपना वहीं का था – सेना में जाने का। लेकिन कई बार के असफल प्रयासों के बाद भी, राजकमल ने हार नहीं मानी। उन्होंने अपने सपने को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास किया।
वेटनरी कॉलेज के दौरान ही, उन्हें सिविल सेवा की तैयारी के बारे में पता चला। उन्होंने तैयारी की, और सफलता की कामना में अपनी खुद की मेहनत और प्रार्थनाएं लगाई।
राजकमल ने अपनी यात्रा में कई असफल प्रयासों का सामना किया, लेकिन उन्होंने कभी उम्मीद नहीं खोई। उनकी मेहनत, निरंतरता, और दृढ़ संकल्प ने उन्हें सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
आखिरकार, उन्हें अपने सपने की दिशा में सफलता मिली। राजकमल यादव ने अपनी कठिनाईयों के बावजूद सिविल सेवा में प्रवेश पाया। उनका सपना पूरा हो गया – वह अब उत्तर प्रदेश राज्य आयुष मिशन के मिशन निदेशक के पद पर कार्यरत हैं।
राजकमल यादव की कहानी हमें यह सिखाती है कि सफलता के लिए जरूरी है कि हम कभी भी अपने सपनों से हाथ न खींचें, बल्कि उन्हें पूरा करने के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहें। उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि हार न कभी अंत नहीं होती है, जब तक हम अपने सपनों की दिशा में अग्रसर रहते हैं।