आईएएस अक्षत जैन: साल 2018 में यूपीएससी परीक्षा में टॉप करने से पहले अक्षत को असफलता का स्वाद चखना पड़ा था। सिविल सेवा के परिवार से आने वाले अक्षत ने आईएएस बनने का सपना देखा।
यूपीएससी परीक्षा में सफलता पाना बहुत कठिन होता है। इस परीक्षा में हर साल लाखों कैंडिडेट भाग लेते हैं, लेकिन सिर्फ कुछ हीं का सपना पूरा होता है। साल 2018 के टॉपर अक्षत जैन के साथ भी ऐसा ही हुआ। पहले प्रयास में अक्षत को बस दो नंबर से प्री-एग्जाम क्वालीफाई नहीं कर पाए थे, लेकिन इस असफलता को उन्होंने समझदारी से स्वीकार किया।
अगले ही साल बने टॉपर:
अक्षत के माता-पिता दोनों ही सिविल सेवा में हैं। ऐसे परिवार से आते हुए अक्षत को दबाव का सामना करना पड़ा। पहले अटेम्प्ट में फेल होने के बाद भी अक्षत ने हार नहीं मानी।
अक्षत ने हर दिशा से आ रहे दबावों का सामना किया और पूरी मेहनत और लगन के साथ तैयारी की। अगले साल उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त की, और उन्हें एआईआर रैंक 2 मिली।
आईआईटी से आईएएस:
अक्षत ने यूपीएससी की तैयारी से पहले आईआईटी से पढ़ाई की थी। उन्होंने आईआईटी गुवाहाटी से डिजाइन में ग्रेजुएशन किया था। पहले अटेम्प्ट में सफलता नहीं मिलने के बावजूद, अक्षत ने हार नहीं मानी और अगले ही प्रयास में सफलता हासिल की।
माता-पिता से मिला मोटिवेशन:
सिविल सेवा के परिवार से आने के फायदे और नुकसान होते हैं। अक्षत को एग्जाम क्लियर करने का मोटिवेशन उनके माता-पिता से मिला। उनके पैरेंट्स हमेशा सेवा करने में सुख देखते थे, और इसलिए अक्षत ने भी सेवा में अपना करियर बनाने का निश्चय किया।