कुकरैल नदी को पुनर्जीवित करने के लिए साबरमती रिवर फ्रंट की प्रेरणा को अनुसरण किया जा रहा है। नगर निगम, एलडीए और सिंचाई विभाग के अधिकारी दो बार अहमदाबाद गए हैं और अब लखनऊ में रिवर फ्रंट डेवलपमेंट कॉरपोरेशन का गठन किया गया है जो कुकरैल रिवर फ्रंट को विकसित करेगा।

लखनऊ में अहमदाबाद साबरमती रिवरफ्रंट की तर्ज पर कुकरैल रिवर फ्रंट को डिवेपल करने के लिए लखनऊ रिवर फ्रंट डिवेलपमेंट कॉरपोरेशन का गठन होगा। इसकी जिम्मेदारी नगर निगम के पास रहेगी और अलग-अलग विभागों के इंजिनियरों को शामिल किया जाएगा। मुख्य सचिव की बैठक में कुछ दिन पहले यह फैसला लिया गया है।

कुकरैल नदी को पुनर्जीवित करते हुए साबरमती रिवर फ्रंट के तर्ज पर विकसित करने को लेकर काम चल रहा है। शासन की मंशा के अनुसार नगर निगम, एलडीए और सिंचाई विभाग के अफसरों ने दो बार अहमदाबाद का दौरा भी कर चुके हैं। रिवर फ्रंट डिवेलप करने के लिए अगल संस्था के गठन की बात सामने आने के बाद कुकरैल रिवर फ्रंट विकसित करने के लिए लखनऊ रिवर फ्रंट डिवेलपमेंट कॉरपोरेशन के गठन का फैसला लिया गया है।

इसके उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी नगर आयुक्त के पास रहेगी। इसके साथ ही एलडीए, सिंचाई विभाग, पीडब्ल्यूडी सहित अन्य विभागों के इंजिनियरों को शामिल किया जाएगा। रिवर फ्रंट का खर्च निकालने के लिए कुछ हिस्से को कमर्शियल गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।

कुकरैल को पानी उपलब्ध करवाने के लिए अगले दो माह में डीपीआर तैयार किया जाएगा। योजना के मुताबिक कुकरैल के रूट पर पड़ने वाले अस्ती गांव की झील और तालाब समेत आसपास के अन्य जलस्रोतों को विकसित किया जाएगा। लेकमैन ऑफ इंडिया आनंद मल्लिगवाड की देखरेख में पूरा काम होगा। इससे कुकरैल नदी में पानी का संकट नहीं होगा, और यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा लखनऊ की जल संकट को हल करने की दिशा में।

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