भारतीय प्रशासनिक सेवा (यूपीएससी) की परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। इस परीक्षा को पास करने के बाद सफलता प्राप्त करना उसे और भी अधिक उम्मीदवारों के लिए मुश्किल बना देता है। इसी यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त करने वाले एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है मनोज कुमार शर्मा की, जो अपने जीवन की हर मुश्किल से निपटकर अंततः आईपीएस अधिकारी बने।

मनोज कुमार शर्मा ने 2005 बैच के अधिकारी के रूप में अपना सपना पूरा किया। उनकी कहानी उस अद्भुत संघर्ष का परिणाम है, जिसमें उन्होंने 12वीं की परीक्षा में असफल होने के बावजूद अपने लक्ष्य को हासिल किया। उनके जीवन की इस उतार-चढ़ाव से भरी कहानी को सुनकर हर कोई प्रेरित हो जाता है।

मनोज कुमार शर्मा

मनोज कुमार शर्मा ने अपने जीवन में कई मुश्किलों का सामना किया। वह 12वीं की परीक्षा में हिंदी को छोड़कर अन्य सभी विषयों में फेल हो गए थे, लेकिन उन्होंने अपने आत्मविश्वास को हार नहीं माना और फिर एक बार प्रयास किया।

वे कई छोटे-मोटे कामों का आधा करते और घर की आर्थिक स्थिति को सहारा देने के लिए टेम्पो चलाते रहे। इस दौरान भी उन्होंने अपनी पढ़ाई को न छोड़ा और लाइब्रेरी में काम किया, जहां उन्होंने कई प्रसिद्ध लेखकों की कहानियाँ पढ़ीं। इससे उनकी मोटिवेशन और इच्छाशक्ति में वृद्धि हुई।

यूपीएससी की तैयारी के दौरान मनोज कुमार शर्मा की पत्नी श्रद्धा जोशी से मुलाकात हुई, जो आईआरएस अधिकारी हैं। उन्होंने मनोज को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया और उनका साथ दिया।

मनोज कुमार शर्मा की मेहनत और उनकी पत्नी का साथ मिलकर उन्हें आखिरकार अपना लक्ष्य हासिल करने में सफलता मिली, और उन्हें यूपीएससी परीक्षा में 121वीं रैंक हासिल हुई। इस सफलता के बाद, उन्हें आईपीएस अधिकारी के रूप में नियुक्ति मिली, जिससे उनके संघर्ष और मेहनत की कहानी एक प्रेरणास्त्रोत बनी।

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