इंदौर के एक ड्राइवर की बेटी ने कामयाबी की नई कहानी लिखी है। सिविल जज के आए परिणाम में बिटिया ने बाजी मार ली है। बिटिया की कामयाबी पर परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं है। कानून की पढ़ाई के साथ ही वंशिता गुप्ता जज बनने का सपना देखने लगी थी। कोर्ट परिसर में पिता के साथ जाने से एहसास हुआ कि न्यायिक क्षेत्र में भी कैरियर की संभावना है। सिविल जज बनी वंशिता गुप्ता पहले पायलट बनना चाहती थी, लेकिन कानून की पढ़ाई ने जज बनने को प्रेरित किया।
वंशिता के पिता, नीमच कोर्ट के जज, अरविंद कुमार गुप्ता, ने उनकी कामयाबी पर गर्व किया। उन्होंने कहा, “मेरा सपना था कि मैं अपने दोनों बच्चों में से किसी एक को बड़े पद पर देखूं और उनका भी ड्राइवर बनूं।” आज, वंशिता की सफलता से उनका सपना पूरा हुआ।
वंशिता ने इंदौर में ही रहकर पढ़ाई की और यहीं से एग्जाम भी क्रेक किया। वंशिता को प्रदेश में सातवी रैंक हासिल हुई है। उनके परिजनों ने पढ़ाई के लिए बाहर भेजने को मना किया था, लेकिन उन्होंने अपने सपनों को पाने के लिए हार नहीं मानी।
वंशिता गुप्ता की मां मीना गुप्ता ने कहा, “बेटी बचपन से ही ब्रिलियंट रही है।” इसके साथ ही, पिता ने भी साथ दिया और उन्होंने अपनी बेटी को हमेशा प्रेरित किया कि वह अपने सपनों को पूरा करे। उनकी मात्र अग्रणी प्रयासों और परिश्रम की बदौलत, वंशिता गुप्ता ने इतिहास रच दिया है।