नरेला, दिल्ली के एक गांव, जहां नई मेट्रो लाइन की मंजूरी की जाने की चर्चा सुर्खियों में है। इस लाइन का नाम है रिठाला-बवाना-नरेला मेट्रो रूट, जो हरियाणा के कुंडली तक जाने की योजना बनाती है। लोगों का कहना है कि इसे मंजूरी न मिलने से वे नाराज हैं, और यह नारा उठा रहे हैं कि अगर मेट्रो नहीं तो वोट नहीं।
नरेला के लोगों का कहना है कि केंद्र सरकार ने लाजपत नगर से साकेत और इंद्रलोक से इंद्रप्रस्थ तक के लोगों के लिए नई मेट्रो लाइन को मंजूरी दे दी है, लेकिन उनके इलाके को इस सुविधा से वंचित रख दिया गया है। इसके बावजूद, लोग अपनी असंतुष्टि को जताते हुए कह रहे हैं कि इस बार होने वाले लोकसभा चुनाव में वे वोट नहीं देंगे।
दिल्ली आदर्श मूल ग्रामीण पंचायत महासंघ के अध्यक्ष और रिठाला-बवाना-नरेला मेट्रो रूट संघर्ष समिति के सदस्य दयानंद वत्स ने कहा कि इस मेट्रो कॉरिडोर को मंजूरी न मिलने से उत्तर-पश्चिमी लोकसभा क्षेत्र के लाखों लोग अपनेआप को ठगा महसूस कर रहे हैं।
इस मुद्दे पर चर्चा करते हुए, लोग संघर्ष समिति की कमिटी के सदस्यों ने बताया कि वे उनके द्वारा दिए गए आश्वासन के बावजूद अब भी सड़क पर उतरेंगे और इस मुद्दे को लेकर अपने अधिकारों की रक्षा करेंगे।