आईएएस अनुपमा अंजली: यूपीएससी की परीक्षा में पहले अटेम्प्ट में सफलता नहीं मिली थी, लेकिन हार नहीं मानते हुए वहने दोगुने जोश के साथ तैयारी की और आईएएस बनकर सफलता हासिल की। यह उनकी कड़ी मेहनत और उत्साह की कहानी है।
यूपीएससी परीक्षा को क्रैक करना सबके लिए आसान नहीं होता, और अगर आपके परिवार में सिविल सेवा के अधिकतर सदस्य हैं, तो इससे दबाव और अपेक्षाएं भी बढ़ जाती हैं। हालांकि, इसे एक प्रेरणास्त्रोत के रूप में भी देखा जा सकता है, जैसा कि अनुपमा की कहानी से प्रकट होता है।
अनुपमा ने पहले इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, और फिर यूपीएससी की तैयारी में ध्यान दिया। पहले प्रयास में उन्हें सफलता नहीं मिली, लेकिन वे हिम्मत नहीं हारे और दोबारा कोशिश की।
2017 में दूसरे प्रयास में, अनुपमा ने यूपीएससी परीक्षा पास की और आईएएस पद के लिए चयनित हुईं। उन्हें आंध्र प्रदेश कैडर मिला, और बाद में वे हरियाणा कैडर में ट्रांसफर हुईं, जहां वह अभी एडीसी के पद पर कार्यरत हैं।
अनुपमा के परिवार में कई सिविल सर्वेंट हैं, जिनमें उनके पिता भी शामिल हैं, जो 37 साल तक सरकारी सेवा में रहे हैं। उनके दादाजी भी सिविल सेवा के अधिकारी थे। अनुपमा को यूपीएससी ज्वाइन करने की प्रेरणा अपने परिवार से मिली।
अनुपमा ने अपने पहले प्रयास में सफल नहीं होने पर भी हार नहीं मानी, बल्कि इसे मोटिवेशन के रूप में लिया। उन्होंने दोगुनी मेहनत की, पापा को आदर्श बनाया, और अपनी कमियों पर काम करते हुए अगले ही अटेम्प्ट में सफलता हासिल की। उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि मेहनत और उत्साह से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।